Prayagraj News: जाति उल्लेख पर हाईकोर्ट की आपत्ति, डीजीपी से स्पष्टीकरण तलब

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक प्राथमिकी में संदिग्धों और अन्य लोगों की जाति का उल्लेख किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने कहा कि संविधान जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने की गारंटी देता है और सभी नागरिकों को समान एवं निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने पर जोर देता है।

डीजीपी को हलफनामा दाखिल करने के आदेश

कोर्ट ने डीजीपी से निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें और यह स्पष्ट करें कि क्या प्राथमिकी में जाति का उल्लेख किसी कानूनी आवश्यकता को पूरा करता है या यह प्रणालीगत भेदभाव को बढ़ावा देता है

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मामला वर्ष 2023 का है, जब इटावा पुलिस ने एक कार से हरियाणा बिक्री के लिए प्रतिबंधित व्हिस्की की 106 बोतलें बरामद की थीं। याची प्रवीण छेत्री उस कार में सहयात्री था। पुलिस जांच के दौरान एक और कार पकड़ी गई, जिसमें से 237 बोतलें मिलीं।

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि याची एक संगठित गिरोह का सरगना है, जो हरियाणा से शराब लाकर बिहार में ऊंचे दामों पर बेचता है और वाहनों के नंबर प्लेट बार-बार बदलता रहता है।

12 मार्च को अगली सुनवाई

याची ने भारतीय दंड संहिता और आबकारी अधिनियम के तहत इटावा पुलिस द्वारा दर्ज मामले को रद्द करने की याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने प्राथमिकी में सभी आरोपियों की जाति का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताई और डीजीपी से जवाब मांगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को तय की है।

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