- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- प्रयागराज
- प्रयागराज: स्थानांतरण में दुर्भावना के इस्तेमाल पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता
प्रयागराज: स्थानांतरण में दुर्भावना के इस्तेमाल पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित स्थानांतरणों पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों को दंडित करने के लिए स्थानांतरण की शक्ति का दुरुपयोग तब चिंताजनक हो जाता है जब यह प्रशासनिक आवश्यकता के बजाय दुर्भावना और व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित हो। हाईकोर्ट ने विद्युत वितरण उपखंड कटहरा, प्रयागराज से जुड़े एक स्थानांतरण मामले में यह टिप्पणी की।
गत 9 अक्टूबर को, कुछ शिकायतों के आधार पर, मुख्य अभियंता ने उनका स्थानांतरण प्रतापगढ़ कर दिया। याची ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ताओं ने उनकी शिकायतों से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद, जांच समिति ने दुर्भावना से प्रेरित होकर उनका बयान दर्ज कराया और कार्रवाई की।
न्यायमूर्ति जे. जे. मुनीर की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि स्थानांतरण का उद्देश्य अनुशासन बनाए रखना और प्रशासनिक आवश्यकता पूरी करना है, लेकिन इसका उपयोग व्यक्तिगत द्वेष और दुर्भावना के लिए करना गलत है। कोर्ट ने याची के स्थानांतरण आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से दुर्भावना का उदाहरण है। कोर्ट ने याची को उनकी पूर्व स्थिति पर बहाल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि नियोक्ता को अनुशासनात्मक शक्ति का प्रयोग निष्पक्षता और कानून के दायरे में करना चाहिए। यह मामला एक महत्वपूर्ण मिसाल बन गया है, जो यह दर्शाता है कि न्यायपालिका स्थानांतरण की प्रक्रिया में दुर्भावना के दुरुपयोग को रोकने के लिए सतर्क है।