यूपी विधानसभा ने किसान नेता चौधरी चरण सिंह को जयंती पर किया नमन, सर्वसम्मति से अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन संपूर्ण सदन ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें स्मरण करते हुए उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। शून्यकाल में श्रद्धांजलि देते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने मुख्यमंत्री, कृषि और राजस्व मंत्री के रूप में किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसले किए।

कृषि मंत्री ने बताया कि राजनाथ सिंह सरकार के दौरान 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के सपूत चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया। योगी सरकार द्वारा उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए 23 दिसंबर 2025 को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह सीड पार्क शुरू किया गया, जिससे किसानों को उत्कृष्ट बीज उपलब्ध होंगे और वे ‘बीज दाता’ बनकर उनके सपनों को साकार कर सकेंगे।

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शाही ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, पटवारी व्यवस्था में सुधार और मंडी व्यवस्था के जरिए बिचौलियों के शोषण पर रोक लगाने जैसे निर्णय लेकर किसानों को उनके खेतों का वास्तविक मालिक बनाया। सरलता और सादगी के प्रतीक इस नेता ने हर वर्ग के हित में काम किया—देश उनके सामाजिक सुधारों का सदैव ऋणी रहेगा।

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि किसानों की आवाज सबसे पहले चौधरी चरण सिंह ने बुलंद की। राजस्व मंत्री रहते हुए भूमि सुधार लागू कर छोटे किसानों को स्वामित्व दिलाया, जिससे प्रदेश में शांति और सामाजिक संतुलन बना रहा। उन्होंने कहा कि दबे-कुचले वर्गों को राजनीति में स्थान देकर उन्हें आवाज देना उनका बड़ा योगदान था।

इससे पहले सपा के कमाल अख्तर, पंकज मलिक और अतुल प्रधान ने भी चौधरी चरण सिंह के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डाला। कांग्रेस की आराधना मिश्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका और भूमि सुधार कानूनों को ऐतिहासिक बताया। अंत में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि पूरा सदन चौधरी चरण सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त करता है।

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