मंत्री ओपी राजभर के बयान पर समाजवादी चिंतक दीपक का पलटवार, हनुमान जी को जाति में बांधने को बताया मूर्खतापूर्ण

लखनऊ। समाजवादी चिंतक और बौद्धिक सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दीपक ने कहा कि मंत्रीगण को बेतुके और तथ्यहीन बयान देकर संवैधानिक पदों की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की आलोचना करना अधिकार है, लेकिन झूठ बोलकर जनता को भ्रमित करना नैतिक अपराध है।

दीपक मिश्र ने कहा, "हनुमान जी को जाति में बांधना न केवल मूर्खतापूर्ण है, बल्कि धार्मिक अवधारणाओं का अपमान भी है। रामायण काल में जाति प्रथा नहीं थी, बल्कि कर्म पर आधारित वर्ण व्यवस्था का प्रचलन था। वाल्मीकि, भवभूति और तुलसीदास की व्याख्याएं भी यही दर्शाती हैं।"

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समाजवाद और आंबेडकर पर विचार

दीपक मिश्र ने मंत्री राजभर के आंबेडकर से जुड़े बयानों को भी निराधार बताया। उन्होंने कहा, "बाबा साहब आंबेडकर और समाजवादियों के बीच 1952 से प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। बाबा साहब खुद राज्य समाजवाद के समर्थक थे और सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें समर्थन दिया था। डॉ. लोहिया और आंबेडकर के पत्राचार उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों का प्रमाण है। नेताजी मुलायम सिंह यादव ने विधान सभा के सामने वाली सड़क का नाम बाबा साहब के नाम पर रखा, और समाजवादी पार्टी ने हमेशा से आंबेडकर जयंती मनाई है।"

उत्तर प्रदेश की छवि को नुकसान

दीपक मिश्र ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर जैसे बयानों से उत्तर प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। "वे सभी को जाति के चश्मे से देखते हैं और भाजपा की 'झूठ बोलो, आगे बढ़ो' की कार्यप्रणाली का अनुसरण कर रहे हैं।"

गौरतलब है कि मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बलिया में एक बयान में कहा था कि हनुमान जी राजभर थे और समाजवादी पार्टी ने 2012 के पहले आंबेडकर का नाम नहीं लिया था। उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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