Lucknow News: बाइक चोरी करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, 41 बाइक बरामद

लखनऊ। मड़ियांव पुलिस ने बाइक चोर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। ये आरोपी अलग-अलग इलाकों से बाइक चोरी कर उन्हें दूसरे जिलों में बेचते थे। चोरी की गाड़ियों को ट्रकों के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 41 बाइक, दो बाइक के कटे हुए पार्ट्स और एक स्विफ्ट कार बरामद की है, जिसका इस्तेमाल चोरी के दौरान किया जाता था।

आईआईएम रोड पर चेकिंग के दौरान मिली सफलता

पुलिस के अनुसार, शुक्रवार-शनिवार की रात चेकिंग के दौरान आईआईएम रोड पर कुछ संदिग्ध युवकों के खड़े होने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने चार लड़कों को पकड़ा, जो जांच के दौरान बाइक चोर निकले।

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आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं

  • सत्यम शुक्ला (26), निवासी अरवल, हरदोई
  • अनस खान (25), निवासी अजगैन, उन्नाव
  • आमिर (32), निवासी कासिमपुर, हरदोई
  • इमरान (26), निवासी संडीला, हरदोई

शुरुआती पूछताछ में आरोपी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते रहे, लेकिन सख्ती से पूछने पर उन्होंने शहरभर से बाइक चोरी करने की बात कबूल कर ली।

कैसे करते थे चोरी और बाइक की बिक्री

आरोपियों ने खुलासा किया कि बाइक चोरी करने के बाद वे उन्हें यादव चौराहा से दाउदनगर जाने वाली सड़क के पास एक खाली मैदान में छिपाकर रखते थे। इसके बाद ट्रकों के जरिए चोरी की गाड़ियों को उन्नाव और अन्य जिलों में भेजते थे।

गिरोह का मुख्य सरगना अनस खान है, जो एक बाइक मैकेनिक है और उन्नाव में अपनी दुकान चलाता है। उसके पास हमेशा ग्राहक बने रहते थे, जिससे चोरी की गाड़ियों को आसानी से बेचने में मदद मिलती थी।

चोरी के बाद बाइक की नंबर प्लेट बदली जाती थी। 10 से 12 बाइक इकट्ठा होने पर उन्हें ट्रक से अन्य जिलों में भेज दिया जाता था। मांग के अनुसार बाइक को ₹10,000 से ₹15,000 में बेचा जाता था। कुछ गाड़ियां काटकर उनके पार्ट्स अलग कर दिए जाते थे, जो दूसरी गाड़ियों में फिट कर बेचे जाते थे। बचा हुआ लोहा कबाड़ियों को सस्ते दामों में बेच दिया जाता था। इससे मिलने वाले पैसों से आरोपी अपने खर्चे चलाते थे।

खाली मैदान को बनाया था चोरी की बाइक छिपाने का अड्डा

एसीपी बृजनारायण तिवारी ने बताया कि आरोपियों ने चोरी की बाइक छिपाने के लिए एक खाली मैदान चिन्हित किया था, जहां वे चोरी की गाड़ियां अस्थायी रूप से रखते थे। पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क की जांच कर रही है।

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