लखनऊ : “मेरी बेटी तड़प रही है...” सीएम योगी से मिलने पहुंचे पवन सिंह के ससुर, बेटी के लिए मांगा न्याय

लखनऊ। भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद अब सियासी गलियारों तक पहुंचने लगा है। मंगलवार को ज्योति सिंह के पिता रामबाबू सिंह लखनऊ पहुंचे और उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी बेटी के सम्मान और न्याय की गुहार लगाएंगे। पिता-पुत्री दोनों जल्द ही सीएम योगी से मुलाकात कर सकते हैं।

रामबाबू सिंह ने कहा कि वे किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत कारण से नहीं, बल्कि एक पिता के रूप में अपनी बेटी की सुरक्षा और सम्मान के लिए लखनऊ आए हैं। उन्होंने कहा, “हमारी बस इतनी मांग है कि बेटी को सम्मान के साथ रखा जाए।”

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उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ज्योति, पवन सिंह से बात करने उनके घर गई थी, लेकिन उन्होंने बातचीत करने के बजाय पुलिस बुला ली। जब पुलिस बेटी को ले जाने लगी, तो उसने पूछा — “मेरा जुर्म क्या है?”

रामबाबू ने कहा कि वे सिर्फ इंसाफ चाहते हैं। उन्होंने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी बेटी के लिए न्याय की अपील कर रहे हैं। वीडियो में वे कहते नजर आते हैं — “योगी जी, आपकी पार्टी का नारा है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। मेरी बेटी आज बहुत दुख में है, तड़प रही है। मैं बीमार हूं, आज हूं कल नहीं रहूंगा। मेरी बेटी का क्या होगा? उसे इंसाफ दिलाइए।”

पवन सिंह और ज्योति सिंह के विवाद ने पकड़ा तूल

गौरतलब है कि भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच का विवाद बीते दिनों तेजी से बढ़ा है। रविवार को ज्योति सिंह लखनऊ स्थित पवन सिंह के घर पहुंचीं और वहीं फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो कर अभिनेता पर कई गंभीर आरोप लगाए।

ज्योति ने कहा कि उन्हें घर में घुसने नहीं दिया गया और पुलिस बुला ली गई। उन्होंने बताया कि वे सिर्फ अपने पति से बात करने आई थीं, लेकिन उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ।

पवन सिंह का पलटवार — “मैंने ससम्मान बुलाया था”

इस विवाद पर अभिनेता पवन सिंह ने भी सोशल मीडिया पर जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “मैं जनता को भगवान मानता हूं। क्या मैं उन्हीं की भावनाओं को ठेस पहुंचाऊंगा जिनकी वजह से मैं यहां तक पहुंचा?”

एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा, “ज्योति सिंह, क्या यह सच नहीं है कि आप कल सुबह मेरी सोसाइटी में आईं, तो मैंने ससम्मान आपको अपने घर बुलाया? करीब डेढ़ घंटे तक हम दोनों की बातचीत हुई।”

उन्होंने आगे कहा कि ज्योति सिंह बार-बार यही कह रही थीं कि उन्हें चुनाव लड़ना है, जो कि मेरे वश में नहीं है। समाज में यह भ्रम फैलाया गया कि मैंने पुलिस बुलवाई, जबकि सच्चाई यह है कि पुलिस सुबह से वहां मौजूद थी ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति से बचा जा सके।”

फिलहाल इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद रामबाबू सिंह और उनकी बेटी ज्योति सिंह को न्याय मिलेगा या नहीं।

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