CM Yogi बोले, यूपी को वैश्विक फूड बास्केट बनाना हमारा संकल्प, वाराणसी में डीएसआर कॉन्क्लेव में किया ई-सीडर का लोकार्पण

लखनऊ/वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को न सिर्फ भारत का बल्कि पूरी दुनिया का ग्लोबल फूड बास्केट बनाना हमारा लक्ष्य है। तकनीक के उपयोग और गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता से प्रदेश अपनी उत्पादन क्षमता को तीन गुना तक बढ़ा सकता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे “लैब टू लैंड” मॉडल अपनाकर नई तकनीकों को सीधे खेतों तक पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री सोमवार को वाराणसी स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर जैसे अत्याधुनिक कृषि उपकरणों का लोकार्पण किया।

यह भी पढ़े - जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह 7 अक्टूबर को, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल होंगी मुख्य अतिथि

योगी ने कहा कि प्रदेश ने वर्ष 2029-30 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें कृषि क्षेत्र की भूमिका निर्णायक होगी। इस दिशा में आईआरआरआई और सीआईपी जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय परंपरा का सिद्धांत ‘अन्नं बहु कुर्वीत तद् व्रतम्’ हमें अधिक उत्पादन करने की प्रेरणा देता है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिव और नंदी मेहनतकश किसानों के प्रतीक हैं, जो परिश्रम और समर्पण का संदेश देते हैं। उन्होंने बताया कि भारत के पास 17 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 60 प्रतिशत सिंचित है। उत्तर प्रदेश देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 21 प्रतिशत हिस्सा अकेले देता है। राज्य के पास 11 प्रतिशत भूभाग और 17 प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद यह धान, गेहूं, गन्ना, आलू, दलहन और तिलहन उत्पादन में अग्रणी है।

योगी ने बताया कि प्रदेश में चार राज्य स्तरीय, दो केंद्र स्तरीय और एक निजी कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं, जबकि 89 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं। ईरी के दक्षिण एशिया केंद्र की स्थापना के बाद धान की नई किस्मों पर लगातार शोध जारी है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में धान की खेती का इतिहास लगभग 8,000 वर्ष पुराना है। काला नमक चावल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध ने इसे लगभग तीन हजार वर्ष पूर्व प्रसाद के रूप में दिया था, और अब इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 70 लाख हेक्टेयर में धान, 100 लाख हेक्टेयर में गेहूं और 29 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जा रही है।

खाद्यान्न उत्पादन में पांच गुना वृद्धि

मुख्यमंत्री ने बताया कि आजादी के बाद प्रदेश में 11.77 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 60 मिलियन टन से अधिक हो गया है। खेती का रकबा भी 170 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 240 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। यह कृषि क्षेत्र में आए बड़े बदलाव का प्रमाण है।

लखनऊ में बनेगा 250 एकड़ का सीड पार्क

योगी ने घोषणा की कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 250 एकड़ में सीड पार्क विकसित किया जाएगा, जहां जलवायु-अनुकूल बीज तैयार किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही आगरा में इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर की स्थापना की जाएगी।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालु, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र कुमार, ईरी की डीजी यवोन पिंटो, सीआईपी के डीजी डॉ. साइमन हेक, श्रीलंका के कृषि सचिव डीबी विक्रमसिंघे और बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.