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शौचालय बनवा दीजिए, जमीन व्यापारी दे देंगे, टॉयलेट और पानी के लिए तरस रहा निशातगंज बाजार और आसपास का क्षेत्र
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लखनऊ: बात निशातगंज बाजार और आसपास के क्षेत्र की। यह इलाका दिनभर भारी भीड़ से गुलजार रहता है। करीब 1,500 छोटी-बड़ी दुकानें समेटे इस क्षेत्र में न केवल पुरुष बल्कि महिला खरीदारों की खासी भीड़ रहती है। राजधानी के पुराने व्यस्ततम बाजारों समेत पूरे क्षेत्र में एक भी शौचालय नहीं है। यहां तक कि महिलाओं के लिए पिंक टायलेट तक की उपलब्धता क्षेत्र में नहीं है। प्रतिदिन तकरीबन 15 से 20 हजार लोग यहां खरीदारी और अन्य काम के लिए आते हैं। व्यापारी कहते हैं कि शौचालय के लिए जमीन की व्यवस्था करने के लिए हम तैयार हैं। फिर भी सुध लेने वाला कोई नहीं। व्यापारी और ग्राहक जब रेलवे लाइन की ओर लघुशंका के लिए जाते हैं तो उन्हें जीआरपी पकड़ लेती है। व्यापारी तो जुगाड़ लगाकर किसी तरह छूट जाते हैं लेकिन ग्राहकों को जुर्माना लेने के बाद ही छोड़ा जाता है। ''अमृत विचार आपके द्वार'' टीम जब इलाके में पहुंची तो व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याएं बता उनके निस्तारण की अपेक्षा जिम्मेदारों से की।
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बिना सुविधा दे रहे कॉमर्शियल हाउस टैक्स
नगर निगम निशातगंज बाजार के व्यापारियों से बिना सुविधा दिए कॉमर्शियल हाउस टैक्स ले रहा है। बिना इस्तेमाल के 20 साल का पानी का बिल भेज दिया है। प्रेम बाजार के 52 दुकानदारों को जलकल विभाग ने 25 से 40 हजार रुपये तक पानी का बिल भेजा है। जबकि यहां न तो पानी की सुविधा है और न ही सीवर की। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन मंत्री जावेद बेग का कहना है कि जलकल विभाग घरों से जल व सीवर कर मांगे, दुकानदारों से नहीं। क्योंकि दुकानदार तो पानी का इस्तेमाल कर ही नहीं रहे। नहीं कर रहे हैं।
किया था पार्किंग का वादा, लेकिन रह गई हवाई बातें
निशातगंज ओवरब्रिज बनने के दौरान व्यापारियों ने तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री ने पार्किंग बनाने का वायदा किया जो आज तक पूरा नहीं हो सका। अब पार्किंग की समस्या से दुकानदार और ग्राहक दोनों परेशान हैं। सड़क पर गाड़ी खड़ी होते ही यातायात पुलिस कर्मी तुरंत चालान काट देते हैं। पार्किंग न होने से दुकानदार और ग्राहक सड़क पर वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे ग्राहकों और दुकानदारों को परेशानी होती है। जाम बना रहता है।
निशातगंज चौराहे पर जाम लगा रहे ई-रिक्शा
निशातगंज चौराहे पर बेतरतीब ढंग से खड़े ई-रिशा और टेम्पो से जाम लगता है। चौराहे से रेलवे ओवरब्रिज के नीचे आने के लिए लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। व्यस्त चौराहा होने के बाद भी चौकी से पुलिसकर्मी और यातायात सिपाही नदारद रहते हैं। चौराहे पर दुकानदारों का अतिक्रमण है, जिससे यहां दिन भर जाम की समस्या बनी रहती है।
डायवर्जन बढ़ा रहा समस्या, ग्राहक नहीं आ पाते हैं बाजार
महानगर से निशातगंज की ओर जाने वाले मार्ग पर यातायात विभाग ने डायवर्जन कर दिया है। अब वाहन ओवरब्रिज के किनारे होते हुए बादशाह नगर से निशातगंज बाजार की ओर मुड़ते हैं। इससे निशातगंज बाजार में ग्राहक कम पहुंच रहे। इसका असर व्यापार पर पड़ रहा है। व्यापारियों ने बताया कि डीसीपी ट्रैफिक से वार्ता में दिपावली पर डायवर्जन हटाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अभी तक अधिकारी हरकत में नहीं आए हैं।
रविवार को सफाई की छुट्टी, नहीं लगती है बाजार में झाड़ू
रविवार को सफाईकर्मी छुट्टी पर रहते हैं, इससे बाजार में सड़क पर झाड़ू नहीं लगती है। सड़क पर ही जगह-जगह कूड़ा और गंदगी फैली रहती है। व्यापारियों ने बताया कि एक बार ही सफाई होती है। बाजार में नाइट स्वीपिंग की व्यवस्था नगर निगम ने शुरू नहीं की है।
नालियां चोक, बारिश में दुकान में भर जाता है पानी
निशातगंज बाजार स्थित मुख्य मार्ग के किनारे नालियों की सफाई नहीं होती। इससे नालियां चोक हैं। बारिश में जलनिकासी न हो पाने से दुकानों में पानी भर जाता है। नगर निगम से कई बार शिकायत के बाद भी नालियों की सफाई नहीं होती।
बोले व्यापारी और स्थानीय लोग
निशातगंज मार्केट में एक भी शौचालय न होने के साथ पानी की समस्या से लोग दिनभर जूझते हैं। लेकिन जमीन देने की बात कहे जाने के बाद भी नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है लेकिन जलकल विभाग की ओर से हजारों रुपयों का बिल भेजा जा रहा है। संबंधित विभागों में शिकायत के बाद भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ। बिल पडे़ हुए हैं। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी कब समझेंगे। -जावेद बेग, अध्यक्ष निशातगंज व्यापार मंडल
करीब तीन महीने पहले महानगर से निशातगंज जाने वाले मार्ग का डायवर्जन कर दिया गया था। दीपावली के बाद इस व्यवस्था में बदलाव का आश्वासन मिला था लेकिन आज तक कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके चलते विभिन्न क्षेत्रों के ग्राहक इस बाजार में नहीं आ पा रहे हैं। इससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। यातायात अधिकारियों से समस्या के निदान के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। - विपिन अग्रवाल, उपाध्यक्ष निशातगंज व्यापार मंडल
बाजार में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे दिनभर बाजार में जाम और यातायात अराजकता का आलम बना रहता है। पार्किंग बनाने के लिए कहा गया था लेकिन यह योजना भी ठंडे बस्ते में पहुंच गई। इसके साथ ही पूरी मार्केट मे एक भी महिला शौचालय नहीं है। बात पिंक टायलेट की होती है। ऐसे में इस बाजार के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? वैसे भी बाजार में शौचालय होना ही चाहिए। व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है। -अजय वर्मा, उपाध्यक्ष निशातगंज व्यापार मंडल
पूरे क्षेत्र में साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी फैली हुई है। शौचालय न होने के कारण लोग रेलवे लाइन की ओर जाते हैं तो जीआरपी जवान उन्हें पकड़ कर जुर्माना वसूलते है। इस कारण इस बाजार में कोई नहीं आना चाहता। शौचालय बनाने के लिए संबंधित विभाग में प्रार्थना पत्र भी दिया गया, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया गया। -राजेन्द्र कुमार खरबंदा, व्यापारी
महिलाओं के लिए यहां एक भी ट्रॉयलेट नहीं है। इसके कारण महिलाएं इस बाजार में आना नहीं चाहती हैं। इससे सभी का व्यापार प्रभावित हो रहा है। बाजार में पानी की व्यवस्था न होने के बाद भी जलकल विभाग उसका शुल्क वसूल रही है। -रिचा अग्रवाल, सदस्य महिला प्रकोष्ठ निशातगंज व्यापार मंडल
यहां की मुख्य समस्या पार्किंग, शौचालय और अतिक्रमण है। इसका समाधान हो जाए तो पूरे बाजार की दशा बदल जाए। हर विभाग में समस्या के निदान के लिए दौड़ चुके है, लेकिन हल नहीं निकला। - रिशी
क्षेत्र में लोगों की ओर से किया गया अतिक्रमण यहां की मुख्य समस्या है। इसकी वजह से यहां हर समय जाम लगा रहता है। इस कारण लोग यहां से खरीददारी करने के लिए आने से बचते हैं। व्यापार प्रभावित होता है। - प्रेम प्रकाश
बाजार में 1,500 दुकानदार है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां शौचालय और पानी की सुविधा तक नहीं है। फिर भी नगर निगम कार्मिशयल टैक्स के रूप में हमसे हजारों रुपये वसूल रहा है। -कर्मवीर सिंह
व्यापारी शौचालय बनाने के लिए जगह देने के लिए तैयार हैं। इसके लिए नगर निगम से बात भी की गई, आश्वासन भी मिला, लेकिन कई वर्ष निकल गये किसी भी अधिकारी ने आज तक सुध नहीं ली। -सुरेश
पार्किंग बनाने का वायदा तो किया गया, लेकिन बनाया आज तक नहीं गया। इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों ही परेशान है। हम लोगों का व्यापार चौपट होने की कगार पर पहुंच चुका है। समस्या के निवारण के लिए हर दरवाजे को खटखटा चुके है, कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है। -मजीद अहमद
पूरे बाजार में एक भी पिंक टॉयलेट नहीं है। इसके कारण मार्केट में कोई भी महिला खरीदारी के लिए यहां आना नहीं चाहती। नगर निगम में इसको बनाने के लिए बात भी की गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। -फैजी
निशातगंज चौराहे पर बेतरतीब ढंग से खड़े हो रहे ई-रिक्शा पूरी मार्केट की दुकानदारी को चौपट कर रहे हैं। यहां लग रहे जाम की वजह से कस्टमर यहां नहीं आते हैं। यातायात अधिकारियों से समस्या के समाधान के लिए गुहार भी लगाई गई, हल कोई नहीं निकला। -अनिल पाल
सुविधाओं के नाम पर इस बाजार में कुछ भी नहीं है। पानी, शौचालय जैसी समस्याओं से हम लोग लड़ने का मजबूर हैं, लेकिन जलकल और नगर निगम को टैक्स पूरा चाहिए। सभी विभाग में शिकायत के बाद भी इस बाजार की स्थिति आज तक नहीं बदली। -अंकित
इस बाजार का फुटपाथ तो चौड़ा है, जबकि सड़कें छोटी है। पार्किंग की व्यवस्था और अतिक्रमण के कारण यहां हर समय जाम की समस्या बनी रहती है। इससे पूरी बाजार का व्यापार चौपट हो गया है। -मोहम्मद आरिफ
नालियां चोक होने के कारण गंदा पानी सड़क पर ही बहने लगता है। बारिश में तो यह समस्या विकट हो जाती है। नगर निगम में शिकायत भी की, लेकिन ड्रेनेज की समस्या को सही आज तक नहीं किया गया। -आरके जायसवाल
जिस दिन व्यापारी हमें जमीन उपलब्ध करा देंगे। उसी दिन सर्वे कराकर नगर निगम से टॉयलेट का काम शुरू करा दिया जाएगा। इससे व्यापारियों के साथ बाजार आने वाले ग्राहकों को भी राहत मिलेगी। जल्द ही व्यापारियों के साथ वार्ता कर जगह तलाशी जाएगी।-राजेश सिंह गब्बर, पार्षद पेपर मिल वार्ड