Lakhimpur Kheri News: पांच घंटे चला हाईवोल्टेज ड्रामा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने मंदिर में खुद को किया कैद

मितौली। जमीन विवाद को लेकर लखीमपुर खीरी के मितौली में मंगलवार को बड़ा हंगामा हुआ, जब कांग्रेस नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख राधेश्याम भार्गव ने आत्महत्या की धमकी देकर प्रशासन को सकते में डाल दिया। जमीन पर कब्जा न मिलने और मंदिर की नई कमेटी के गठन से नाराज पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने बाबा कष्ट हरण धाम मंदिर में खुद को कैद कर लिया। इस दौरान वे तेजाब और पेट्रोल साथ लेकर आत्मदाह की धमकी देने लगे।

घटना की सूचना मिलते ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार, इंस्पेक्टर और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। मामले को लेकर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। भारी मशक्कत और अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद पांच घंटे बाद पूर्व प्रमुख मान गए, तब जाकर स्थिति सामान्य हुई।

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राधेश्याम भार्गव अपने गांव रतहरी के पास कठिना नदी किनारे स्थित बाबा कष्ट हरण धाम मंदिर पहुंचे और मंगलवार सुबह दोनों गेट पर ताले लगाकर खुद को कैद कर लिया। उन्होंने मंदिर के घंटे में फंदा बांध लिया और आत्महत्या की धमकी देने लगे। इस घटना के पीछे जमीन पर कब्जा न मिलने और मंदिर की नई कमेटी के गठन को लेकर नाराजगी मुख्य कारण बताई गई।

मौके पर पहुंचे तहसीलदार दिनेश कुमार, नायब तहसीलदार अखिलेश मौर्य और इंस्पेक्टर राजू राव ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की। उनकी पत्नी और बेटे ने भी उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन राधेश्याम केवल डीएम को बुलाने और अपनी जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग पर अड़े रहे।

प्रशासन ने दिलाया भरोसा

करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तहसीलदार ने उन्हें जमीन पर कब्जा दिलाने और मंदिर कमेटी की जांच का भरोसा दिलाया। इसके बाद ही राधेश्याम मंदिर से बाहर निकले। प्रशासन ने विवादित जमीन का निरीक्षण किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

पैमाइश और जांच में जुटा प्रशासन

तहसील प्रशासन ने विवादित जमीन के गाटा संख्या और नक्शे की जांच शुरू कर दी है। तहसीलदार दिनेश कुमार ने बताया कि यदि अभिलेखों में जमीन राधेश्याम की साबित होती है, तो उन्हें कब्जा दिलाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर कमेटी के गठन को लेकर भी नियमानुसार जांच की जाएगी।

कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं राधेश्याम

राधेश्याम भार्गव 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कस्ता सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इस हाईवोल्टेज ड्रामे ने प्रशासन को बड़ी चुनौती दी, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। मंदिर कमेटी और जमीन विवाद को लेकर जांच जारी है।

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