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Kanpur Metro: 20 नए रूट पर चलेंगे CNG वाहन, यात्रियों को घर और स्टेशन तक मिलेगी आसान सुविधा
कानपुर। शहर में आईआईटी कानपुर से घंटाघर तक मेट्रो सेवाएं शुरू होने के बाद अब यात्रियों की सुविधा के लिए कानपुर मेट्रो एक नई पहल करने जा रही है। मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने और वहां से गंतव्य स्थल तक जाने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए यूपीएमआरसी ने 20 चयनित मार्गों पर CNG वाहनों के संचालन की योजना बनाई है।
मेट्रो नेटवर्क और विस्तार
वर्तमान में 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 के 16 किमी हिस्से में (आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक) मेट्रो सेवाएं चल रही हैं। अगले वर्ष की शुरुआत तक शेष 8 किमी नौबस्ता तक सेवाएं शुरू करने की तैयारी है। इसके अलावा 8.6 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए से बर्रा-8) का निर्माण कार्य जारी है।
फिलहाल 14 स्टेशनों पर 7 मेट्रो ट्रेनें दिनभर में 123 फेरे लगा रही हैं। यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ने के साथ ही, यूपीएमआरसी ने यात्रियों की प्रमुख समस्याओं का आकलन शुरू किया है, जिनमें से सबसे बड़ी समस्या मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने की सुविधा का अभाव है।
20 फीडर रूट हुए चयनित
मेट्रो प्रशासन ने पहले 7 रूट चयनित किए थे, जिन पर पहले से ही सीएनजी वाहनों की स्वीकृति है। अब 13 नए रूट जोड़े गए हैं, जो मेट्रो स्टेशनों के आसपास के इलाकों को जोड़ेंगे। इन नए मार्गों पर सीएनजी वाहन चलने से यात्रियों को तेज, किफायती और स्वच्छ यात्रा का विकल्प मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य शहर के विभिन्न इलाकों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ना और “डोर टू स्टेशन” कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है, ताकि अधिक से अधिक लोग मेट्रो का उपयोग कर सकें।
क्या है फर्स्ट एंड लास्ट माइल कनेक्टिविटी
मेट्रो सिस्टम में फर्स्ट माइल उस यात्रा को कहा जाता है, जो यात्री को घर या कार्यालय से मेट्रो स्टेशन तक लाती है। वहीं लास्ट माइल वह चरण है, जिसमें यात्री मेट्रो स्टेशन से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचता है। यह सुविधा मेट्रो उपयोगकर्ताओं को निर्बाध यात्रा अनुभव देने के लिए महत्वपूर्ण है।
