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वोट चोरी विवाद से गरमाई कन्नौज की राजनीति, अखिलेश बोले, अब इनका पत्ता साफ

कन्नौज : कन्नौज में वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों ने सियासत को गर्मा दिया है। समाज कल्याण मंत्री और सदर विधायक असीम अरुण तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आमने-सामने आ गए हैं।
मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव, जिन्हें सपा शासनकाल में अखिलेश यादव का करीबी माना जाता था, उनका नाम वोटर लिस्ट में दो अलग-अलग बूथों पर दर्ज है। यही नहीं, उनके भाई वीरपाल उर्फ नीलू यादव और कल्याण सिंह के नाम भी कई स्थानों पर पाए गए हैं।
असीम अरुण ने यह भी आरोप लगाया कि नवाब सिंह वही व्यक्ति हैं जिन्हें 12 अगस्त 2024 को किशोरी से दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह इस पूरे प्रकरण की शिकायत साक्ष्य सहित चुनाव आयोग से करेंगे और अपेक्षा है कि आयोग निष्पक्ष कार्रवाई करेगा। साथ ही उन्होंने सपा से जनता से माफी मांगने की भी मांग की।
अखिलेश का पलटवार
असीम अरुण के आरोपों पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा “देखना है कि अपनी ही सरकार के कार्यकाल में धांधली का आरोप लगाने वालों को दिल्ली वाले हटाते हैं या लखनऊ वाले। दो इंजन के बीच में इनका पत्ता साफ होगा। अब ये हटे नहीं तो घट जाएंगे ही। कभी-कभी ज्यादा होशियारी भारी पड़ जाती है।”
अखिलेश के इस बयान के बाद विवाद और भी तेज हो गया और यह मामला सिर्फ वोट चोरी तक सीमित न रहकर भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया।
राजनीतिक हलचल तेज
कन्नौज से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक यह मुद्दा चर्चा में है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मतदाता सूची की गड़बड़ी आने वाले चुनावों में बड़ा हथियार बन सकती है। वहीं असीम अरुण का बयान कि “वोटर लिस्ट की शुद्धता लोकतंत्र के लिए जरूरी है” सीधे विपक्ष पर हमला माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग की कार्रवाई पर टिकी हैं।