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हाथरस में फर्जी मुठभेड़ का मामला: जांच में खामियां मिलने पर दो युवक रिहा

हाथरस। कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किए गए दो युवकों को जांच में खामियां पाए जाने के बाद रिहा कर दिया गया। दोनों युवक जेल से बाहर आकर अपने घर लौट गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच सदर क्षेत्र के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) राजबहादुर सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) योगेंद्र कृष्ण नारायण कर रहे हैं।
पकड़े गए युवकों की पहचान अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र के बड़ाकलां गांव निवासी ओमवीर उर्फ सोनू और देवा उर्फ सूर्यदेव सिंह के रूप में हुई। हालांकि, परिवारजनों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की थी।
प्रारंभिक जांच में खामियां सामने आने पर पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने तत्कालीन थाना प्रभारी ममता सिंह और एंटी-थेफ्ट टीम के प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया था। इसके बाद गठित जांच टीम को युवकों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले।
पुलिस ने अदालत में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की, जिसके आधार पर शुक्रवार को दोनों युवकों को जेल से रिहा कर दिया गया। एसपी सिन्हा ने बताया कि व्यापारी और पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए मामलों में भी कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला। सीओ योगेंद्र कृष्ण नारायण ने कहा कि विवेचना में खामियां पाए जाने के कारण दोनों को रिहा किया गया है।