बिजनौर में बैंक धोखाधड़ी का खुलासा: खुद को न्यायिक अधिकारी बताने वाली महिला सहित तीन गिरफ्तार

बिजनौर। बिजनौर जिले में पुलिस ने एक महिला को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से 30 लाख रुपये का कर्ज लेने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया है। महिला खुद को न्यायिक अधिकारी बताकर बैंक को गुमराह कर रही थी। उसके साथ चालक और एक कथित पेशकार को भी गिरफ्तार किया गया है।

अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) कृष्ण गोपाल ने बताया कि आरोपी महिला की पहचान आयशा परवीन के रूप में हुई है। उसने खुद को रामपुर में तैनात न्यायाधीश बताया और स्थानीय अधिवक्ता अनस के साथ मिलकर बिजनौर स्थित एक निजी बैंक से 30 लाख रुपये का ‘पर्सनल लोन’ लेने के लिए आवेदन किया। बैंक ने दस्तावेजों के आधार पर ऋण स्वीकृत कर लिया और शुक्रवार को रकम ट्रांसफर के लिए महिला को बुलाया गया था।

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आयशा ने आवेदन के साथ देहरादून के एक बैंक की फर्जी स्टेटमेंट लगाई थी, जिसमें उसने डेढ़ लाख रुपये मासिक वेतन और पांच लाख रुपये की जमा राशि दर्शाई थी। बैंक अधिकारियों को दस्तावेजों पर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने देहरादून के संबंधित बैंक से सत्यापन कराया।

जांच में पता चला कि महिला के खाते में केवल 40 हजार रुपये थे और कोई वेतन भुगतान नहीं हुआ था। बैंक की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आयशा परवीन, उसके चालक और कथित पेशकार को गिरफ्तार कर लिया। एएसपी ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी कर बैंक से बड़ी रकम हड़पने की कोशिश की थी। फिलहाल मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है।

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