- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- बलरामपुर
- बलरामपुर : एमडीएम में 11 करोड़ का भारी घोटाला, मदरसा संचालक सहित कई लोग हिरासत में — जिले में हड़कंप...
बलरामपुर : एमडीएम में 11 करोड़ का भारी घोटाला, मदरसा संचालक सहित कई लोग हिरासत में — जिले में हड़कंप
बलरामपुर : मध्याह्न भोजन योजना में करोड़ों रुपये के घोटाले ने पूरे जिले में सनसनी मचा दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एमडीएम प्रकोष्ठ में 11 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि कन्वर्जन लागत (खाना बनाने की राशि) के भुगतान में कूटरचित अभिलेख, जाली भुगतान सलाह और फर्जी आंकड़ों का इस्तेमाल कर वर्षों तक धनराशि की बंदरबांट की गई है। इस पूरे खेल का मुख्य केंद्र 17 वर्षों से पद पर जमे मध्याह्न भोजन जिला समन्वयक फिरोज अहमद खान को माना जा रहा है। उनके साथ मदरसों और परिषदीय विद्यालयों के कई प्रधानाध्यापकों और कुछ ग्राम प्रधानों की मिलीभगत सामने आई है।
इस पर एमडीएम प्रकोष्ठ की पत्रावलियों की पड़ताल हुई। डीसी फिरोज ने ई-मेल से जो भुगतान सलाहें भेजीं, वे संदिग्ध लगीं। जब सार्वजनिक धन प्रबंधन प्रणाली से मूल अभिलेख निकाले गए, तो सामने आया कि प्रस्तुत भुगतान सलाहें जाली और कूटरचित थीं, विद्यालयों को भेजी गई वास्तविक धनराशि को कम दिखाया गया,अतिरिक्त धनराशि को प्रधानों–प्रधानाध्यापकों की मदद से गैरकानूनी रूप से बाहर निकाला गया। फिरोज अहमद ने पिछले 5–6 वर्षों में कन्वर्जन लागत में अनुपातहीन बढ़ोतरी दिखाकर लाखों–लाख रुपये हड़प लिए।
सभी आरोपियों के नाम
फिरोज अहमद खान (एमडीएम जिला समन्वयक), परवीन फातिमा, गुलाम गौसुलवरा, राजकुमार सैनी, सलीम अहमद, सरिता, मलिक खुर्शीद, नसीम अहमद, सुनील सिंह, सरिता (प्रावि मैनिहवा), अशोक कुमार गुप्ता, जयप्रकाश मिश्र, कुंवर आनंद सिंह, गंगा, अहमदुल कादरी, इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद मुख्तार, अकील अहमद, नूरुल हुदा खान, मोहम्मद नावेद, वसीम खान, मजबुल्ला खान, नूरलहुदा खान, वकील अहमद नूरी, रहमत अली, मोहम्मद नईम, नूरुल हसन खान, तौहीद, मयूर सूर्यवंशी, खुर्शीद अहमद, मलिक खुर्शीद अरशद, मलिक खुर्शीद आलम, खुर्शीद आलम, अनीत कुमार सिंह, दानिश, दानिशा, साहेबराम, संगीता सिंह, अंजुम बानो, अनूप कुमार यादव, अनूप कुमार सिंह सहित कुल 44 नामजद।
जिले में हलचल, बड़े खुलासों के आसार, किसी भी समय हो सकती हैं गिरफ्तारियाँ
जांच तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ रही है। बैंक लेनदेन, मोबाइल विवरण और अभिलेखों की गहन जांच जारी है। प्रशासनिक हल्कों में चर्चा है कि यह पिछले वर्षों का सबसे बड़ा वित्तीय अपराध है और आने वाले दिनों में कई बड़ी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
