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अनेकता में एकता हमारे समाज की पहचान, कटुता के लिए कोई जगह नहीं: पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त

बैरिया, बलिया: किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि भारत की पहचान अनेकता में एकता की मिसाल से है, और यहां समाज में कटुता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में सभी वर्गों ने एकजुट होकर संघर्ष किया और देश को आजाद कराया। शनिवार को सोनबरसा स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा सामाजिक एकता पर दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे गंभीरता से समझने और उसके बाद ही प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है।
सामाजिक समरसता पर जोर
उन्होंने कहा कि भारत सनातन परंपरा का पालन करने वाला देश है, जहां सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान है। चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या पारसी हों, सभी इस देश की मिट्टी की संतान हैं।
कृषि और सामाजिक कार्य में एकता
वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां खेती-किसानी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। हर वर्ग, चाहे वह अनुसूचित जाति हो, मुस्लिम हो, या सामान्य वर्ग, मिलजुलकर कृषि कार्यों को संपन्न करता है। सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सभी की भागीदारी रहती है।
आरएसएस का योगदान
पूर्व सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) न केवल देश हित में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक कार्य करता रहा है। उन्होंने RSS की आलोचना को अनुचित बताया।
विदेशों में भारतीयों के साथ हो रहे अत्याचार पर चिंता
बिना बांग्लादेश का नाम लिए, उन्होंने विदेशों में भारतीय समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है और इसे और सख्ती से लेने की जरूरत है।
किसान आंदोलन और भाईचारे का आह्वान
वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कि 24 दिसंबर को वे अवध किसान आंदोलन के प्रतीक स्थल प्रतापगढ़ में बाबा रामचंद्र की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद 15 जनवरी से वे देशभर में भाईचारा, स्वदेशी और किसान हितों को लेकर भ्रमण करेंगे।
विकास कार्यों पर चर्चा
बलिया के विकास पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान 26,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर करवाईं। इनमें से कुछ पर काम पूरा हो चुका है, कुछ पर काम चल रहा है, और कुछ शुरू होने वाली हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी परियोजनाएं समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरी होंगी।
कटुता से बचने की अपील
उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, और संप्रदाय के आधार पर कटुता फैलाने से केवल नुकसान होता है। सभी को महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, बाल गंगाधर तिलक और दंतोपंत ठेगड़ी के विचारों को अपनाते हुए देश हित में योगदान देने की आवश्यकता है।