सांस्कृतिक विविधता के प्रतीक भारत में नववर्ष मनाने की परंपराएं

भारत विविधताओं का देश है, जहां विभिन्न जाति, धर्म, और समुदायों के लोग अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार त्योहार मनाते हैं। देश में भाषा, वेशभूषा, रीति-रिवाज, और उत्सवों में क्षेत्रीय भिन्नता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह विविधता न केवल त्योहारों में बल्कि नए साल को मनाने के तरीकों में भी झलकती है। भारत के विभिन्न राज्यों में नववर्ष अलग-अलग समय और अंदाज में मनाया जाता है। आइए, इन्हें करीब से जानें।

कश्मीर: 'ना-वरेह' का पर्व

कश्मीर में नया साल चैत्र मास के पहले दिन से शुरू होता है, जिसे 'ना-वरेह' कहते हैं। इसका अर्थ है 'नए साल का आगमन'। इस दिन हिंदू धर्मावलंबी मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और विवाहिता लड़कियों के घर शुभकामनाओं के रूप में उपहार भेजे जाते हैं।

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पंजाब: बैसाखी का उल्लास

पंजाब में बैसाखी को नए साल के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व कृषि फसल की कटाई और गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन मेलों, लोकगीतों, और भांगड़ा-गिद्धा जैसे नृत्यों का आयोजन होता है।

उत्तर प्रदेश: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा

उत्तर प्रदेश में नया साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, पूजा करते हैं, और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई देते हैं। इस दिन का उत्सव वसंत ऋतु के रंगों में सराबोर होता है।

बिहार: रंग और उल्लास का संगम

बिहार में चैत्र मास में नए साल की शुरुआत होती है। लोग एक-दूसरे पर रंग-गुलाल छिड़कते हैं और लोकगीत व नृत्य में भाग लेते हैं। यहां की 'हो' जनजाति 'बाहा' पर्व मनाती है, जिसे 'पुष्प पर्व' भी कहते हैं। उनके अनुसार, इस दिन पृथ्वी माता युवावस्था प्राप्त करती हैं।

पश्चिम बंगाल: बैशाख की प्रतिपदा

पश्चिम बंगाल में नववर्ष बैशाख की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन लोग नए वस्त्र धारण कर पूजा करते हैं और रवींद्र संगीत गाते हैं

असम: पशु पूजा की परंपरा

असम में नववर्ष पर पशुओं की पूजा की जाती है। उन्हें सजाकर जुलूस निकाला जाता है और अंत में उन्हें गुड़ और बेसन खिलाया जाता है।

उड़ीसा: 'स्वांग नृत्य' का आयोजन

उड़ीसा में 'स्वांग नृत्य' द्वारा नववर्ष का स्वागत किया जाता है। 'जुआंग' जनजाति इस नृत्य के माध्यम से युवक-युवतियों में संस्कार और प्रकृति के रहस्यों को समझाने का प्रयास करती है।

आंध्र प्रदेश: 'उगादी' का उल्लास

आंध्र प्रदेश में 'उगादी' पर्व मनाया जाता है। इस दिन तेल मालिश और गुड़-नीम की पत्तियों से बने औषधीय पदार्थ खाने की परंपरा है।

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