अभियान कागज़ों तक सीमित, ज़मीन पर पसरी गंदगी! मवेशी अस्पताल के सामने कूड़े का अंबार, बढ़ा संक्रमण का खतरा

बलिया। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के नाम पर जिला प्रशासन भले ही दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत इसके उलट दिखाई दे रही है। नगर क्षेत्र के मवेशी अस्पताल के ठीक सामने सड़क पर कूड़े का पहाड़ जमा है, जो नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर 5 से 31 अक्तूबर तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य, नगर विकास, शिक्षा, पशुपालन, बाल विकास, पंचायती राज सहित 11 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उद्देश्य है — बुखार, कालाजार, टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया और कुपोषण जैसे रोगों पर नियंत्रण।

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लेकिन अफसोस, जिस शहर में यह अभियान चलाया जा रहा है, वहीं मवेशी अस्पताल के सामने कूड़े का ढेर इस अभियान की सच्चाई उजागर कर रहा है। नगर पालिका के सफाई कर्मी मोहल्लों से कूड़ा उठाकर इसी जगह सड़क पर फेंक देते हैं। दिनभर जानवर और कुत्ते उसी कूड़े में मुंह मारते रहते हैं। बारिश के दिनों में यह कूड़ा सड़कर बदबू और मच्छरों का कारण बन जाता है।

स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी

आस-पास के लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। बदबू और मच्छरों से परेशान लोग नाक पर रुमाल रखकर सड़क पार करने को मजबूर हैं। पशु अस्पताल में आने वाले पशुपालक भी इस स्थिति से खिन्न हैं। उनका कहना है कि जहां बीमार पशुओं का इलाज होता है, वहीं गंदगी का ढेर रखना सीधे संक्रमण को न्योता देने जैसा है।

पशु चिकित्सकों की भी चिंता बढ़ी

कुछ पशु चिकित्सकों ने स्वीकार किया कि इस गंदगी से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। खास बात यह है कि पशुओं में फैल रही बीमारी के चलते ददरी मेले का पशु मेला इस बार स्थगित कर दिया गया, फिर भी नगर प्रशासन ने हालात सुधारने की कोई कोशिश नहीं की।

नागरिकों की मांग, जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की समीक्षा की जाए, जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, और पूरे क्षेत्र में नियमित सफाई की पुख्ता व्यवस्था बनाई जाए।

लोगों का कहना है — “कागज़ों में अभियान चल रहा है, ज़मीन पर बस कूड़े के ढेर और जिम्मेदारों की लापरवाही दिख रही है।”

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