संकट प्रबंधन, साइबर ढांचे को मजबूत करने के लिए अब अधिक निवेश कर रही हैं कंपनियां : सर्वे 

नई दिल्ली। संकट प्रबंधन, साइबर मामले में जुझारू क्षमता और आपात स्थिति से निपटने की गतिविधियां अब मुख्यधारा में आ चुकी हैं और कंपनियां विभिन्न खतरों से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के एक सर्वे में यह बात कही गई है। 

भारत का ‘संकट और जुझारू क्षमता सर्वे 2023’ के अनुसार, रैंसमवेयर जैसे बढ़ते साइबर खतरों के साथ-साथ अप्रत्याशित खतरे ने 96 प्रतिशत व्यवसायों को अपनी साइबर ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है। इसमें कहा गया कि 97 प्रतिशत संगठन अप्रत्याशित घटनाओं को वास्तविक जोखिम के रूप में देखते हुए संकट प्रबंधन में महत्वपूर्ण निवेश करने के लिए तैयार हैं। 

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रिपोर्ट के अनुसार, “सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि संकट प्रबंधन, साइबर मजबूती और आपात स्थिति का प्रबंधन मुख्यधारा में आ चुके हैं।” पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा उसने इस सर्वे में दूरसंचार, औद्योगिक उत्पाद और विनिर्माण, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग और पूंजी बाजार, वाहन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और फार्मा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के 112 संगठनों को शामिल किया है। 

सर्वेक्षण में कहा गया, “बदलाव की निरंतर और लगातार लहरों ने कंपनियों को , विशेषकर भारत में, रणनीतिक मजबूती की तत्काल जरूरत को पहचानने और उसपर कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।” इसमें कहा गया, “व्यवधान का आंकड़ा 2019 के 80 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 98 प्रतिशत हो गया है। इसके चलते कंपनियां साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता के साथ और मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं.

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