Parliament Sessions: संसद में संविधान पर चर्चा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- कांग्रेस के माथे से कभी आपातकाल का कलंक नहीं मिट सकेगा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में पहुंच गए हैं। संविधान पर चर्चा का आज आखिरी दिन है। इसके लिए दो दिन का समय तय किया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की 75 सालों की यात्रा महान यात्रा है। हमारे संविधान निर्माताओं की दीर्घ दृष्टि और योगदान को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। ये एक उत्सव मनाने वाला पल है। जिन्होंने इस उत्सव में हिस्सा लिया मैं उन सभी का अभिनंदन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है और 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प उसे स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक विकसित भारत बनाने का है।

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प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान निर्माताओं के दिमाग में एकता की भावना थी, लेकिन आजादी के बाद देश की एकता के मूल भाव पर प्रहार हुआ और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में एकता की जगह विरोधाभास खोजते रहे।

कांग्रेस के माथे से कभी आपातकाल का कलंक नहीं मिट सकेगा: प्रधानमंत्री मोदी 

आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दल के माथे से यह कलंक कभी नहीं मिट सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब देते हुए आपातकाल का उल्लेख किया और कहा, ‘‘दुनिया में जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो कांग्रेस के माथे से कभी यह कलंक मिट नहीं सकेगा क्योंकि लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। भारतीय संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई थी।’’ 

मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि संविधान विविधता में एकता की भावना का संदेश देता है, लेकिन आजादी के बाद एकता के मूल भाव पर प्रहार किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान निर्माताओं के दिमाग में तो एकता की भावना थी, लेकिन आजादी के बाद देश की एकता के मूल भाव पर प्रहार हुआ और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में एकता की जगह विरोधाभास खोजते रहे।’’ 

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है। अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने उसे जमीन में गाड़ दिया।’’ उन्होंने कहा कि भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है।’’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है और 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प उसे स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक विकसित भारत बनाने का है। 

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