महाराष्ट्र में जीबीएस से अब तक 12 मौतें, 197 मामलों की पुष्टि

मुंबई: महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 6 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 6 को संदिग्ध जीबीएस के रूप में दर्ज किया गया है। शनिवार को जीबीएस का कोई नया संदिग्ध मामला सामने नहीं आया।

विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 197 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है, जबकि 28 मामले संदिग्ध हैं।

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जीबीएस मामलों का क्षेत्रवार विवरण

पुणे नगर निगम (PMC): 46 मरीज

PMC के नए जोड़े गए गांव: 95 मरीज

पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम (PCMC): 33 मरीज

पुणे ग्रामीण: 37 मरीज

अन्य जिलों: 14 मरीज

इनमें से 179 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 24 मरीज ICU में और 15 वेंटिलेटर पर हैं।

जीबीएस क्या है?

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। यह बीमारी मांसपेशियों की कमजोरी से शुरू होती है और गंभीर मामलों में लकवे का कारण बन सकती है।

जीबीएस के लक्षण

हाथ या पैरों में अचानक कमजोरी या लकवा, चलने में कठिनाई, लगातार डायरिया के बाद कमजोरी

स्वास्थ्य विभाग की अपील

साफ और उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी गई है।ताजा और स्वच्छ भोजन का सेवन करें, बासी या अधपका मांसाहारी भोजन (चिकन/मटन) न खाएं। किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं।

हेल्पलाइन नंबर

जीबीएस और पानी की गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी के लिए संपर्क करें:

पुणे नगर निगम: 020-25501269, 25506800

पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम: 7758933017

केंद्र सरकार की टीम की तैनाती

जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने 27 जनवरी को सात सदस्यीय विशेषज्ञ टीम महाराष्ट्र भेजी। इस टीम का उद्देश्य राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन में सहायता प्रदान करना है।

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