शेमारूमी पर “जय माता जी - लेट्स रॉक” का वर्ल्ड डिजिटल प्रीमियर – उम्र, फैसलों और अफरातफरी की एक मज़ेदार कहानी

गुजरात, अक्टूबर 2025: क्या होगा जब एक 80 साल की दादी को पता चले कि एक सरकारी योजना से ज़िंदगी पूरी तरह उलट-पुलट हो सकती है?

मल्हार ठाकोर, टिकू तलसानिया, वंदना पाठक और नीला मुल्हेरकर अभिनीत जय माता जी - लेट्स रॉक इसी सवाल का जवाब देती है – ढेर सारी हंसी, इमोशन और थोड़े से ड्रामे के साथ। यह बहुप्रतीक्षित पारिवारिक एंटरटेनर फिल्म इस फेस्टिव सीजन में 16 अक्टूबर 2025 को शेमारूमी पर अपने डिजिटल प्रीमियर के साथ आ रही है, जो दर्शकों को देगी गुजराती स्टाइल में मस्ती और शरारत की भरपूर खुराक।

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जय माता जी - लेट्स रॉक खूबसूरती से दिखाती है कि कैसे प्यार और अफरातफरी अक्सर एक साथ चलते हैं — खासकर जब दादी खुद परिवार के नियमों को दोबारा लिखने का फैसला करती हैं। कहानी एक जोशीली दादी की है जिसकी ज़िंदगी एक सरकारी योजना के चलते रातों-रात बदल जाती है। अचानक वह खुद को ऐसे मोड़ पर पाती हैं जहाँ उन्हें बड़े फैसले लेने हैं — क्या वह अपने स्वार्थी बेटों और बहुओं से बदला लें? क्या वह अपने पुराने प्यार को फिर से जगा दें? क्या वह मॉडर्न और रंगीन लाइफस्टाइल अपनाएं? या फिर सब कुछ एक साथ कर के “थग लाइफ” जी लें?

विट और सेंसिटिविटी के मेल से बनी यह फिल्म गरिमा, स्वतंत्रता और ज़िंदगी को दोबारा जीने के मौके जैसे विषयों को बेहद हल्के-फुल्के अंदाज़ में पेश करती है। फिल्म यह सवाल पूछती है – किसने कहा कि 80 की उम्र में ज़िंदगी धीमी हो जाती है?

फिल्म के बारे में बात करते हुए मल्हार ठाकोर ने कहा “यह देखना बहुत दिलचस्प था कि कैसे निर्देशक मनीष सैनी ने इतने गंभीर विषय को कॉमेडी में बदला, वो भी पूरी संवेदनशीलता के साथ। मुझे कहानी सुनते ही फिल्म करने का मन बना लिया था। सभी कलाकारों से मैंने बहुत कुछ सीखा। शूटिंग के दौरान हमने खूब मस्ती की और मुझे लगता है कि यह फिल्म गुजराती सिनेमा को एक नया मुकाम देगी। यह ऐसी फिल्म है जो आपको पेट पकड़कर हंसाती है और अंत में दिल को छू जाती है, क्योंकि हर भारतीय परिवार, चाहे कितना भी ड्रामेबाज हो, आखिर में प्यारा ही होता है।”

टिकू तलसानिया ने कहा “जय माता जी - लेट्स रॉक समाज को एक आईना दिखाती है – एक व्यंग्यात्मक तरीके से यह बताती है कि कैसे कई बार माता-पिता को सिर्फ पैसे की वजह से सम्मान दिया जाता है, जो बहुत दुखद सच्चाई है। एक बेटे और एक पिता के रूप में मेरा मानना है कि माता-पिता का सम्मान प्यार से होना चाहिए, सुविधा से नहीं। थिएटर रिलीज़ के बाद अब जब यह फिल्म शेमारूमी पर अपने वर्ल्ड डिजिटल प्रीमियर के साथ आ रही है, तो मुझे उम्मीद है कि इसका संदेश और अधिक परिवारों तक पहुंचेगा और उनके दिलों को छुएगा।”

कॉमेडी और सामाजिक संदेश का शानदार मिश्रण पेश करती जय माता जी - लेट्स रॉक ज़िंदगी, जज़्बे और हर उम्र में खुलकर जीने की भावना का जश्न मनाती है।

इस त्योहार के मौसम में पुरानी फिल्मों के री-रन छोड़िए, शेमारूमी पर देखिए जय माता जी - लेट्स रॉक — और दादी को लीड करने दीजिए शो! 

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