फिर गढ्ढामुक्ति अभियान

सरकारें चाहें जितने दावे कर लें कि गांव-गांव तक मजबूत सड़कीकरण किया जा रहा है,लेकिन बरसात आते ही ये दावे खुद ब खुद सच्चाई बयां कर देते हैं। उत्तर प्रदेश में भीषण भारी हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी एक दो दिन तक भारी बारिश की संभावना जताई है। भारी बारिश के चलते सड़कों पर चलना मुहाल है।

कहीं-कहीं स्थिति यह है कि शहरों में जलभराव के साथ-साथ सड़कों के धसने की भी घटनाएं सामने आ रही हैं। यह सब घटनाएं सरकारी विभाग की लचर कार्यप्रणाली की पोल खोल रहीं हैं। हर वर्ष बरसाती सीजन की यही तस्वीर देखने को मिलती है,लेकिन जनता को आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होता है। यह अच्छी बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा की इस वर्ष मॉनसून की स्थिति असामान्य है।

आने वाले दिनों में कई जिलों में लगातार बारिश की संभावना है। इसका ध्यान रखते हुए दीपावली से पूर्व प्रदेशव्यापी सड़क गड्ढामुक्ति का अभियान चलाया जाए। यह सही बात है कि प्रदेश के महानगरों में भी सड़कों पर गढ्ढों की समस्या आम बात है,लेकिन इसकी मुक्ति के लिए सिर्फ आदेशों से काम नहीं चलेगा,बल्कि उन पर तत्काल प्रभाव से क्रियान्वयन होना चाहिए तभी समस्या से निजात पाई जा सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश में सन् 2017 में योगी सरकार सत्ता में आई थी।

सत्ता में आते ही सरकार ने अपने प्रमुख एजेडों में सड़कों के गढ्ढा मुक्ति करने का भी एंजेडा शामिल था जिसके तहत आगामी 100 दिनों में प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त किए जाने लक्ष्य रखा गया था। अब सवाल उठता है कि सरकार के 6 वर्ष के कार्यकाल के बाद पुन: सरकार को गढ्ढा मुक्त अभियान चलाने की जरूरत क्यों पड़ गई? जबकि सरकार का 2022 से दूसरा कार्यकाल शु्रू हुआ है। ऐसा नहीं है कि गढ्ढों को खत्म नहीं किया गया,बल्कि इस दौरान सड़के भी बनाई गईं,लेकिन कार्य में गुणवत्ता का अभाव रहा जिसकी बजह से सड़कें समय से पहले या कहीं-कहीं तो एक बरसात भी नहीं झेल पाई और उखड़ गई। सड़के उखड़ने की वजह से फिर गढ्ढे हो गए जो आए दिन दु्र्घटना के कारण बनते हैं।

सड़कों की गुणवत्ता अच्छी हो इसके भी मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले पांच वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी लेगा। सरकार की यह पहल सड़कों को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए सही है,लेकिन इसके साथ ही साथ सरकार को संबंधित विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली की गुणवत्ता सुधारने की भी जरूरत है, क्योंकि अधिकारियों और ठेकेदारों की जुगलबंदी किसी से छिपी नहीं है। अत: सरकार को संबंधित विभाग के अधिकारियों की भी जवाबदेही तय करनी होगी तभी प्रदेश में सुगम और गढ्ढा मुक्त सड़कों की कल्पना मूर्त रूप ले सकेगी। ये भी पढे़ं- भारत का बढ़ता कद    

खबरें और भी हैं

Latest News

Ballia News: पूर्व प्रधान व मित्र पर दबंगों का हमला, जान से मारने की दी धमकी, केस दर्ज Ballia News: पूर्व प्रधान व मित्र पर दबंगों का हमला, जान से मारने की दी धमकी, केस दर्ज
बलिया। जिले के कोप गांव में दबंगों ने एक पूर्व प्रधान और उनके मित्र पर लाठी-डंडों से हमला कर गंभीर...
बलिया पुलिस में तबादला सूची जारी: गड़वार को मिला नया थानाध्यक्ष, रतसड़ चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, जानिए कौन कहां गया
बलिया में जातिगत जनगणना के विरोध में पूर्वांचल क्रांति पार्टी का प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
Ballia News: बलिया में करंट प्रवाहित टूटे तार की चपेट में आकर युवक की मौत, गांव में छाया मातम
Ballia News: कुएं में गिरे दो सांडों की ऐसे बची जान, दो युवाओं की बहादुरी को प्रधान ने किया सम्मानित
Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.