बिहार चुनाव से पहले एनडीए में तनाव: 40 सीटों की मांग पर अड़े चिराग पासवान, प्रशांत किशोर से गठबंधन की अटकलें तेज

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है। लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने एनडीए के 25 सीटों के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कम से कम 40 सीटों की मांग रखी है। इसी बीच, चिराग पासवान और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

लोजपा (रामविलास) के सूत्रों का कहना है कि “राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।” यह बयान उस समय आया है जब एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है। मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े और मंत्री मंगल पांडे ने दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात की। करीब 45 मिनट चली इस बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।

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सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान ने बैठक में सीट बंटवारे को लेकर चार प्रमुख प्रस्ताव रखे, जिन पर बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने का आश्वासन दिया है।

चिराग पासवान की चार प्रमुख शर्तें

1. लोकसभा प्रदर्शन के अनुपात में सीटें

चिराग पासवान ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 5 में से सभी 5 सीटें जीतकर 100% सफलता दर हासिल की थी, इसलिए विधानसभा चुनाव में भी उसी अनुपात में सम्मानजनक सीटें दी जानी चाहिए।

2. 2020 के वोट प्रतिशत के आधार पर बंटवारा

लोजपा (रामविलास) ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर लड़कर 5.64% वोट हासिल किए थे। चिराग ने मांग की है कि सीट शेयरिंग फॉर्मूला इसी वोट प्रतिशत के आधार पर तय किया जाए।

3. जीती हुई लोकसभा सीटों से दो विधानसभा सीटें

चिराग का तीसरा प्रस्ताव यह है कि पार्टी को उन 5 लोकसभा क्षेत्रों की कम से कम दो विधानसभा सीटें दी जाएं, जहां से लोजपा ने 2024 में जीत हासिल की थी।

4. पसंदीदा सीटों पर अडिग रुख

उन्होंने पश्चिम चंपारण की गोविंदगंज सीट समेत कुछ पारंपरिक सीटों पर दावा ठोका है। यह सीट लोजपा नेता राजू तिवारी की मानी जाती है, लेकिन 2020 में यहां बीजेपी के सुनील मणि तिवारी विजयी हुए थे। इस वजह से बीजेपी के लिए यह सीट छोड़ना आसान नहीं है।

एनडीए में बढ़ी टकराव की स्थिति

एनडीए का दावा है कि 10 अक्तूबर तक सीट बंटवारे पर सहमति बन जाएगी, लेकिन चिराग की सख्त मांगों ने समीकरण जटिल कर दिए हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, अगर सीटों का फार्मूला तय नहीं हुआ तो चिराग पासवान का रुख बदल सकता है।

प्रशांत किशोर से बढ़ती नजदीकियां

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर एनडीए के साथ समझौता नहीं बनता, तो चिराग पासवान प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में संपर्क बढ़ा है। हालांकि दोनों ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

बिहार चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मचा घमासान नए राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। चिराग पासवान के रुख और प्रशांत किशोर के साथ संभावित गठजोड़ ने सूबे की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।

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