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इलाहाबाद हाईकोर्ट : शिक्षामित्रों की मानदेय वृद्धि अब मंत्रिमंडल के विचाराधीन
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय शिक्षकों और शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि से संबंधित आदेश के अनुपालन को लेकर दाखिल अवमानना याचिका का निस्तारण कर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा गठित समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है और अब मामला मंत्रिमंडल के विचाराधीन है। ऐसे में न्यायालय की दृष्टि में अवमानना की कोई स्थिति नहीं बनती।
इस समिति को परिषदीय कर्मियों के मानदेय को सम्मानजनक स्तर तक बढ़ाने के संबंध में प्रस्तुत निवेदनों पर विचार करने का दायित्व सौंपा गया था। बाद में अनुपालन की समीक्षा के दौरान न्यायालय ने 18 सितंबर 2025 को राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा विभाग) से अनुपालन शपथपत्र मांगा था।
तदनुसार जब 27 अक्तूबर यानी बीते सोमवार को मामला पुनः सुना गया, तो सरकार की ओर से यह बताया गया कि समिति ने 21 अक्तूबर 2025 को बैठक कर यह निर्णय लिया है कि मानदेय वृद्धि का प्रश्न केवल समिति के स्तर पर नहीं निपटाया जा सकता, क्योंकि इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति आवश्यक है। समिति ने इस आशय की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
इन तथ्यों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि समिति ने निर्देशानुसार कार्य पूरा कर लिया है और मामला अब मंत्रिमंडल के विचाराधीन है, इसलिए अवमानना अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं है। कोर्ट ने अवमानना याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकार को निर्देशित किया कि समिति की सिफारिशों पर न्यायालय के आदेश के अनुरूप उचित निर्णय शीघ्र लिया जाए।
