योगी आदित्यनाथ ने सपा विधायक पर साधा निशाना, पार्टी से निष्कासन की मांग

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी को पार्टी से बाहर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की तारीफ करने वाले विधायक को उत्तर प्रदेश भेजा जाना चाहिए ताकि उनका ‘उपचार’ किया जा सके।

विधान परिषद में दिया बयान

बजट सत्र के दौरान, योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी के बयान को लेकर सपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सपा अपने विधायक को तत्काल पार्टी से निलंबित करे। यूपी ऐसे लोगों का इलाज करने में देरी नहीं करता। गौरतलब है कि अबू आजमी ने औरंगजेब को 'महान प्रशासक' बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी।

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मुख्यमंत्री ने सपा पर भारत की सांस्कृतिक विरासत की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अपने मूल विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया ने भारत की एकता के तीन आधार बताए थे- श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव, लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को आदर्श मान रही है।

योगी ने औरंगजेब के इतिहास का दिया संदर्भ

योगी आदित्यनाथ ने औरंगजेब के क्रूर इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उसने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर दिया था और पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसा दिया। उन्होंने सपा नेताओं को पटना की लाइब्रेरी में शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी।

उन्होंने यह भी कहा कि कोई सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता, क्योंकि उसे पता है कि वह उसे एक-एक बूंद पानी के लिए तरसा देगा। उन्होंने सपा पर महाकुंभ जैसे आयोजनों की आलोचना करने और औरंगजेब का महिमामंडन करने का भी आरोप लगाया।

महाकुंभ का आर्थिक महत्व और यूपी की अर्थव्यवस्था

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विरासत को विकास से जोड़ने' के मंत्र की सराहना की।

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि काशी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों ने रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका में जबरदस्त वृद्धि हुई।

रोजाना 5 से 25 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिला। अयोध्या में 5 से 15 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचे, जिससे स्थानीय नागरिकों और संतों ने श्रद्धालुओं की सेवा में योगदान दिया।

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु पहुंचे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान हुआ।

मुख्यमंत्री ने एक नाविक परिवार का उदाहरण दिया, जिसने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 30 करोड़ रुपये की कमाई की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने हर तबके की आर्थिक स्थिति को सुधारा और यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी।

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