यूपी में बाढ़ राहत को लेकर मुख्यमंत्री योगी की सख्ती : 12 जिलों में तैनात ‘टीम-11’, हर पीड़ित तक पहुंचेगी मदद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत एवं बचाव कार्यों को तेज़ और प्रभावी बनाने के लिए अपने मंत्रियों की एक विशेष ‘टीम-11’ का गठन किया है। यह टीम प्रदेश के 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में जाकर राहत कार्यों की निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का है। सरकार हर नागरिक की सुरक्षा, भोजन, आश्रय और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएगी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि राहत कार्यों में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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किन जिलों में कौन मंत्री तैनात

प्रयागराज – नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’

जालौन – स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार

औरैया – स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला

हमीरपुर – रामकेश निषाद

आगरा – जयवीर सिंह

मीरजापुर – नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’

वाराणसी – सुरेश खन्ना

कानपुर देहात – संजय निषाद

बलिया – दया शंकर मिश्रा ‘दयालु’

बांदा – नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’

इटावा – धर्मवीर प्रजापति

फतेहपुर – अजीत पाल

मुख्यमंत्री के निर्देश 

सभी प्रभारी मंत्री तत्काल अपने-अपने जिलों का दौरा करें।

राहत शिविरों का निरीक्षण कर पीड़ित परिवारों से सीधे संवाद करें।

डीएम, एसपी, सीएमओ सहित सभी अधिकारी फील्ड में मौजूद रहें और 24x7 निगरानी रखें।

तटबंधों की निगरानी, जलभराव वाले गांवों से जल निकासी, और राहत शिविरों में भोजन, दवा, शौचालय, साफ-सफाई, महिलाओं व बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

राहत सामग्री व फूड पैकेट समयबद्ध व गुणवत्तायुक्त होने चाहिए।

किसानों और पशुधन के लिए विशेष निर्देश

जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, या नदी कटाव से भूमि व मकान का नुकसान हुआ है, उन्हें 24 घंटे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए।

यह सहायता स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से वितरित हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

जलभराव वाले गांवों में पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और चारे व पशुचिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था हो।

स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी

सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

सर्पदंश जैसे मामलों में पीड़ित का इलाज त्वरित और प्रभावी हो।

शहरी बाढ़ प्रबंधन

शहरी क्षेत्रों में नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशनों की सक्रियता सुनिश्चित हो।

पंपिंग स्टेशनों के लिए जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि बिजली कटने पर भी जल निकासी प्रभावित न हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा प्रबंधन में लापरवाही की कोई जगह नहीं है। राहत आयुक्त द्वारा जारी अर्ली वार्निंग अलर्ट को हर जनपद की जनता तक तत्काल पहुंचाया जाए और सभी विभाग आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें।

राज्य सरकार की यह पहल बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत को समयबद्ध और प्रभावशाली तरीके से पहुंचाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

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