लखनऊ: डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने वाला एक और जालसाज गिरफ्तार

लखनऊ। विकासनगर के डॉक्टर को डिजिटल तरीके से फंसाकर 48 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह के एक और सदस्य को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को गुरुवार देर रात अवध अस्पताल के पास से पकड़ा गया। एसटीएफ ने अब तक इस गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह चीन से संचालित हो रहा है और कंबोडिया में इसके सदस्यों को डिजिटल अरेस्ट और ठगी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

गिरफ्तार आरोपी का परिचय

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कृष्ण कुमार उर्फ सुनील गाजियाबाद के मुरादनगर के जलालाबाद का निवासी है। वह बीएससी कर चुका है और बीटेक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन, छह डेबिट कार्ड, तीन चेकबुक, बैंक खाते की किट, साइन किया हुआ चेक, इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी कोड डिवाइस, दो सिम कार्ड, व्हाट्सएप के 202 पेज के स्क्रीनशॉट (जिसमें बैंक खातों की डिटेल थी) और 2040 रुपये बरामद किए गए हैं।

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साइबर ठगी की शुरुआत

कृष्ण कुमार ने पूछताछ में बताया कि 2016 में उसने गाजियाबाद के आधुनिक इंस्टीट्यूट से बीटेक में दाखिला लिया था, लेकिन एक साल बाद पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद हापुड़ के मोनार्ड यूनिवर्सिटी से बीएससी की। अक्टूबर 2023 में वह मुरादाबाद के मेडिकल स्टोर संचालक राहुल चौहान के संपर्क में आया, जिसने उसे गेमिंग स्कैमिंग, मिक्सिंग और स्टॉक फ्रॉड जैसे साइबर अपराधों के बारे में बताया।

कृष्ण कुमार ने राहुल और उसके साथी मुहफिजुद्दीन के साथ मिलकर ठगी शुरू कर दी। मुहफिजुद्दीन चीन के कंबोडिया स्थित गिरोह के संपर्क में था, जो डिजिटल अरेस्ट, स्टॉक फ्रॉड और गेमिंग फ्रॉड के जरिए लोगों को ठगता था।

तीन दिन में 1.33 करोड़ रुपये की ठगी

पूछताछ में खुलासा हुआ कि कृष्ण कुमार, राहुल और मुहफिजुद्दीन को पहले हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि जेल से छूटने के बाद कृष्ण कुमार और मुहफिजुद्दीन ने दोबारा ठगी शुरू कर दी। हाल ही में उन्होंने नौ बैंक खातों के जरिए साइबर ठगी का प्रयास किया और 20, 21 व 23 दिसंबर को 1,33,63,000 रुपये ठग लिए। इनमें 64.21 लाख, 47.78 लाख और 21.64 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए गए।

एसटीएफ की इस कार्रवाई से साइबर ठगों के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है।

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