चौबारी मेला: कल्पवास पूर्ण कर श्रद्धालु लौटे घर, करोड़ों की हुई खरीदारी

बरेली: रामगंगा तट पर चल रहे चौबारी मेले में गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। घाटों, मीना बाजार और मुख्य मार्गों पर लोगों की इतनी भीड़ रही कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची। दो से तीन दिन का कल्पवास पूर्ण करने के बाद श्रद्धालु दोपहर बाद अपने घरों की ओर लौटने लगे। इस दौरान मेले में कई करोड़ रुपये का व्यापार हुआ।

मेला अब भी दो दिन तक जारी रहेगा। लोग फर्नीचर की दुकानों से तख्त, टेबल, दरवाजे जैसी वस्तुओं की खरीदारी करते नजर आए। महिलाओं ने ढोलक, सिलबट्टा, चकिया, पटा, बेलन और चिमटा जैसे घरेलू सामान खरीदे। मीना बाजार में महिलाओं की चहल-पहल बनी रही, जहां मेकअप और सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर खूब भीड़ रही।

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लोगों ने मेले में चाट-पकौड़ी और स्थानीय व्यंजनों का भी आनंद लिया, जबकि बांस बाजार में सीढ़ी और लाठी की बिक्री अधिक रही।

रामगंगा किनारे कल्पवास के लिए मंगलवार को पहुंचे श्रद्धालुओं ने तंबू लगाए थे। बुधवार और गुरुवार को स्नान के बाद श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से लौटने लगे। दोपहर से शुरू हुई घर वापसी देर रात तक जारी रही। कुछ श्रद्धालु शुक्रवार तक रुकने वाले थे, लेकिन अन्य लोगों को जाता देख उन्होंने भी तंबू समेट लिए और घर की ओर रवाना हो गए।

नखासे में 150 घोड़े-घोड़ियों की हुई बिक्री

गुरुवार को नखासे में लगभग 150 घोड़े-घोड़ियों की बिक्री हुई। इनमें सबसे महंगे दो घोड़े 75 हजार रुपये में बिके, जबकि कुछ विकलांग घोड़े मात्र 500 रुपये में भी बिके। ऐसे घोड़े आमतौर पर ईंट भट्टों पर काम के लिए खरीदे जाते हैं। मेला समिति के सदस्य सुनील सिंह ने बताया कि शुक्रवार तक शेष लगभग 100 घोड़े भी बिक जाएंगे और उसी दिन नखासे का समापन होगा।

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