आजमगढ़: महासंघ ने डीएम को सौंपा मांग पत्र

आजमगढ़। अखिल भारतीय मध्यान्ह भोजन रसोइया महासंघ ने मंगलवार को सात सूत्रीय मांगों को लेकर डीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। धरने की अध्यक्षता प्रान्तीय संरक्षक सुरेन्द्र्र नाथ गौतम व संचालन जिलाध्यक्ष सुनीता देवी ने किया।

इस दौरान संरक्षक ने कहा कि कई साल पहले हाईकोर्ट ने रसोइयों को न्यूनतम वेतन देने का निर्देश दिया था। लेकिन सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। इससे लगता है कि सरकार रसोइयां के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जिसके वजह से रसोइया भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। परन्तु पिछली सरकार के गलत नितियों के वजह से रसोईयों पर आय-दिन शोषण, अत्याचार होता रहता है एवं रसोईयों को जीने लायक परिश्रमिक मानदेय न मिलने के कारण रसोईयाँ व उनका परिवार भूखमरी के कगार पर हैं। 

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जबकि इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय हाईकोर्ट प्रयागराज के द्वारा सरकार को आदेशित किया गया है कि रसोईयों की दशा सुधारी जाय एवं उनकी नितियों पर पुनः विचार किया जाय। न्यायालय द्वारा यह भी आदेशित किया गया है कि रसोईयों को जो वर्तमान में मानदेय दिया जा रहा है, वह बधुआ मजदूरी है। जो संविधान के अनुछेद-23 में प्रतिबन्धित है। कोर्ट के द्वारा सरकार को निर्देश दिया गया है कि प्रदेश के सभी रसोईयों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत रसोईयों का न्यूनतम वेतन तय कर 2005 से लेकर अबतक का बकाया वेतन दिया जाय परन्तु इस विषय में अबतक कोई कार्यवाही न करने के वजह से रसोईयाँ बधुआ मजदूर की जिन्दगी जिने के लिए विवस हैं। 
 
प्रदेश महामंत्री संगीता यादव ने कहा कि रसोइया के नियुक्ति के लिए बनाए गए गलत नीतियों की वजह से आए दिन पूर्व में कार्यरत रसोइयों को हटा कर ग्राम प्रधान, प्रधानाध्यापक अपने चहेतों को रखने का काम कर रहे है। इसके साथ ही रसोइयों को सफाईकर्मी, माली, चपरासी आदि का कार्य लिया जा रहा है। लेकिन उन्हें रसोइयों का भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिला महामंत्री रामदुलारे गोड़ ने कहा कि रसोइयों को छात्र संख्या के कम हो जाने पर विद्यालय से हटाया जा रहा है। रसोइया 11 माह का कर रही है पर रसोइयों को सिर्फ दस माह का ही मानदेय दिया जा रहा है। धरने के अन्त में निर्णय लिया गया की अगर हमारी मांग जल्द विचार नहीं किया गया तो 13 मार्च को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में धरना करने की बाध्य होंगे। इस अवसर पर सुबाष गोड़, रामलाल, सीताराम, सोमारी देवी, सर्वदा यादव, गुडडन देवी, सुनीता सिंह, पूनम मिश्र सहित अन्य रसोइया उपस्थित रही।

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