इंद्रजाल ने पेश किया देश का पहला एंटी-ड्रोन पेट्रोल व्हीकल; सीमाओं की सुरक्षा और ज़िंदगियाँ बचाने में करेगा मदद

  • पारंपरिक व्हीकल्स पर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जाते हैं, जबकि एंटी-ड्रोन पेट्रोल
  • व्हीकल चलते-चलते ही सक्रीय रूप से खतरों का मुकाबला करता है, यानि सीमाओं, शहरों और अहम् मार्गों पर ड्रोन्स का पता लगाता है, उन पर नज़र रखता है और उन्हें निष्क्रिय करता है

भारत , नवंबर 2025: इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस ने आज देश का पहला एंटी-ड्रोन पेट्रोल व्हीकल (एडीपीवी) लॉन्च किया। यह बिल्कुल नया, पूरी तरह मोबाइल और एआई-संचालित सिस्टम है, जो ड्रोन से होने वाले खतरों से निपटने का तरीका बदल देगा।

एडीपीवी (इंद्रजाल रेंजर) बनाने की जरूरत हाल की दो बड़ी सुरक्षा घटनाओं के बाद और भी बढ़ गई, जिन्होंने दिखाया कि ड्रोन्स अब भारत की सीमा सुरक्षा को तोड़ने का सबसे आसान जरिया बन गए हैं। इन घटनाओं ने बताया कि खतरे अब जमीन से नहीं, सीधे आसमान से आ रहे हैं।

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पहली घटना आईएसआई से जुड़े ड्रोन तस्करी नेटवर्क की थी, जहाँ ड्रोन के ज़रिए हथियार भारत के अंदर तक पहुँचा दिए गए। इसने एक कड़ी हकीकत सामने रख दी कि आज यदि कोई ड्रोन बॉर्डर पार करता है, तो मतलब हथियार हमारे शहरों तक पहुँचने में बस मिनटों की दूरी पर हैं। दूसरी घटना में, बीएसएफ ने इस साल अब तक 255 पाकिस्तानी ड्रोन्स गिराए। इससे साफ हुआ कि ड्रोन्स अब भारत के 3 लाख करोड़ रुपए के ड्रग तस्करी नेटवर्क का सबसे बड़ा जरिया बन चुके हैं और यह खतरा दिन-ब-दिन और तेज होता जा रहा है।

इन दोनों घटनाओं ने मिलकर एक बात बिल्कुल साफ कर दी कि भारत को तुरंत एक ऐसा मोबाइल, तेज-रिस्पॉन्स वाला काउंटर-ड्रोन व्हीकल चाहिए, जो रियल-टाइम में ड्रोन्स को पकड़ सके, ट्रैक कर सके और मिनटों में उन्हें निष्क्रिय कर सके, क्योंकि हर एक रोका गया ड्रोन, एक सुरक्षित की गई जिंदगी के बराबर है। 

पार्क करके चलने वाले पारंपरिक एंटी-ड्रोन सिस्टम्स से अलग, इंद्रजाल ने एडीपीवी (इंद्रजाल रेंजर) को एक खास कॉम्बैट

व्हीकल के रूप में तैयार किया है, जो निम्न सुविधाएँ प्रदान करता है

  • चलते-चलते ड्रोन डिटेक्शन
  • रियल-टाइम पेट्रोलिंग और निगरानी
  • एआई के जरिए खुद-ब-खुद खतरे का आकलन
  • तुरंत इंटरसेप्शन और न्यूट्रलाइजेशन

बॉर्डर रोड्स, नहरों, खेती वाले इलाकों, अहम् इन्फ्रास्ट्रक्चर और भीड़भाड़ वाले शहरों में बिना रुकावट कवरेज यह टेक्नोलॉजी भारत की रक्षा तैयारी में एक बड़ा कदम है, जो राज्यों और राष्ट्रीय सीमाओं पर बढ़ रही ड्रोन स्मगलिंग, निगरानी और आतंकी कोशिशों को रोकने में मजबूती देती है। रेंजर लॉन्च के दौरान, गेस्ट ऑफ ऑनर लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, आर्मी वॉर कॉलेज, महू के पूर्व कमांडेंट और श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स (एक्सवी) के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने कहा , ";भारत के युवाओं को एक ऐसा देश मिलना चाहिए, जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की परछाई से पूरी तरह मुक्त हो। एंटी-ड्रोन पेट्रोल व्हीकल जैसी तकनीकें सिर्फ मशीनें नहीं, बल्कि ढाल हैं, जो हमारे बच्चों, किसानों और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखती हैं। मैं श्री किरण राजू को इंद्रजाल के जरिए भारत की रक्षा तकनीक में ऐसे क्राँतिकारी नवाचार के लिए बधाई देता हूँ। रेंजर के इस नए लॉन्च से देश और सीमाओं पर तैनात बहादुर जवान, दोनों ही इस बड़े योगदान के लिए आभारी होंगे।"

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कार्यक्रम में अपने विचार साझा करते हुए, इंद्रजाल के फाउंडर और सीईओ किरण राजू ने कहा, "हर निष्क्रिय किया गया ड्रोन एक सुरक्षित हुई जिंदगी के बराबर है और भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करता है। यही इंद्रजाल का पहला मिशन है- आजादी की रक्षा।" जीवन की रक्षा का मिशन: कैसे रेंजर तोड़ रहा है स्मगलिंग नेटवर्क और कर रहा है भारत की सीमाओं को सुरक्षित इंद्रजाल रेंजर देश की सुरक्षा में एक नया, बेहद असरदार स्तर जोड़ता है। यह सीमा पार से चलने वाले आपराधिक नेटवर्क को तोड़ता है और कमजोर इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित करता है। खतरनाक ड्रोन्स को रोककर यह युवाओं तक नशा पहुँचने से रोकता है, हमारे शहरों में अवैध हथियारों का प्रवेश रोकता है और संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की सुरक्षा करता है। यह सिस्टम स्मगलिंग और उग्रवादी नेटवर्क की सप्लाई लाइन और फंडिंग चैनल को तोड़कर उनकी ताकत कम करता है। इसकी ऑटोमेटेड

इंटरसेप्शन तकनीक पुलिस और बीएसएफ के बोझ को कम कर देती है, जिससे मानवशक्ति का इस्तेमाल अब ज्यादा स्मार्ट और डेटा-आधारित तरीके से हो पाता है। सबसे जरूरी बात- यह उन सीमावर्ती समुदायों को फिर से सुरक्षा, सम्मान और सामान्य जीवन का एहसास दिलाता है, जो वर्षों से लगातार खतरे के बीच जी रहे थे।

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