इंदौर में दो सिर वाली बच्ची का निधन, 17 दिन तक मौत से लड़ी जंग

इंदौर: एमटीएच अस्पताल में 17 दिन पहले जन्मी दो सिर वाली दुर्लभ बच्ची का निधन हो गया। जन्म के बाद से ही बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरी देखरेख में मां का दूध दिया जा रहा था। अस्पताल से छुट्टी के बाद जब बच्ची को घर ले जाया गया, तो तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

देवास निवासी रुसा पति वीर सिंह भिलाला को 21 जुलाई को इंदौर के एमटीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोनोग्राफी में डॉक्टरों को पहले ही जानकारी मिल गई थी कि गर्भ में एक ऐसा शिशु पल रहा है, जिसके दो सिर हैं।

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ऑपरेशन के जरिए जन्मी इस बच्ची का वजन 2.82 किलो था और उसे जन्म के बाद शिशु वार्ड में रखा गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का धड़ एक ही था, लेकिन दो सिर थे। शरीर के कई हिस्सों में जन्मजात विकृतियां थीं। इस तरह के मामलों में शिशु के जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन यह बच्ची 17 दिनों तक ज़िंदगी और मौत के बीच जूझती रही।

बच्ची के दो दिल थे — एक कमजोर और दूसरा पूरी तरह खराब। हालांकि अन्य अंग जैसे फेफड़े, हाथ-पैर आदि सामान्य थे। हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद इस दुर्लभ नवजात को बचाया नहीं जा सका। परिवार पर शोक का पहाड़ टूट पड़ा है।

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