नीलिमा श्रीवास्तव हत्याकांड: एक माह पहले रची गई थी साजिश, सिटी मजिस्ट्रेट के दो नौकर और पुजारी गिरफ्तार

लखनऊ : जानकीपुरम सेक्टर-आई स्थित यूनाइटेड सिटी में अकेले रहने वाली नीलिमा श्रीवास्तव (74) की हत्या को अंजाम देने वाले पुजारी जितेंद्र मिश्रा ने लूटकांड की साजिश करीब एक माह पहले साथियों के साथ रची थी। वारदात में बुलंदशहर सिटी मजिस्ट्रेट संजय सिंह के घर में काम करने वाले दोनों नौकर भी शामिल थे। साजिश के तहत पुजारी मौका देख मंगलवार दोपहर नीलिमा के घर में घुसा और करीब 11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपा रहा। करीब 11 बजे नीलिमा के सोने पर अलमारी खोलने लगा, तभी वह जाग गयीं। विरोध करने पर पुजारी ने गला घोंटकर हत्या की और माल झोले में रखकर देर रात 2:30 बजे फरार हो गया। पुलिस ने पुजारी और दोनों नौकरों को गिरफ्तार कर लूटे गए जेवर, नकदी व अन्य माल बरामद किया है।

एडीसीपी उत्तरी गोपी नाथ सोनी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में इटौंजा के महोना वार्ड नंबर‑5 निवासी जितेंद्र मिश्रा, दीपक कुमार उर्फ दीपू निवासी बधौली हरदोई और सुशील कुमार निवासी महौली सीतापुर हैं। दीपक और सुशील सेक्टर‑आई यूनाइटेड सिटी में सिटी मजिस्ट्रेट के घर में नौकर थे और वहीं रहते थे। आरोपी जितेंद्र उक्त अधिकारी के घर पूजा‑पाठ कराने का काम करता था। दोनों नौकरों को आठ‑आठ हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है, जिससे गुजारा करना मुश्किल था।

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घर के सामने ही नीलिमा श्रीवास्तव अकेले रहती थीं। करीब एक माह पहले दीपक और सुशील ने बताया था कि नीलिमा के पास सोने की अशर्फी और कंगन समेत करीब 250 ग्राम सोना है। अगर वहां चोरी कर लो तो मालामाल हो जाओगे। दीपक ने यह भी कहा था कि एक बार नीलिमा ने उससे अपनी अलमारी का लॉकर खुलवाया था। सभी जेवर वहीं रखे होते हैं। हामी होने पर करीब एक माह तक नीलिमा के घर की रेकी की गई। कौन कब आता‑जाता है, यह देखा गया।

2 दिसंबर की दोपहर नीलिमा धूप में टहल रही थीं। मौका देख पुजारी घर में घुसकर तख्त के नीचे छिप गया। शाम को नीलिमा बहन‑बहनोई के साथ घूमने गईं। रात 10 बजे लौटीं और कुछ देर टीवी देखने के बाद सो गईं। रात करीब 11 बजे जितेंद्र चुपके से अलमारी खोलने लगा। खटपट की आवाज से नीलिमा की आंख खुली। उन्होंने पुजारी को पहचान लिया और विरोध किया। पुजारी ने मुंह दबाकर गला घोंट दिया। इसके बाद अलमारी व बक्सा खंगालकर जेवर‑रुपये एक जूट के थैले में भरकर फरार हुआ। पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

अजीजनगर पुलिस चौकी तक पैदल गया था पुजारी

एसीपी अलीगंज सैयद अरीब अहमद ने बताया कि घटना के बाद आरोपी जितेंद्र पैदल ही करीब डेढ़ किमी चलकर अजीजनगर पुलिस चौकी पहुंचा था। वहां से एक हॉफ डाले पर बैठकर इटौंजा अपने घर चला गया। पुलिस ने घटनास्थल से लेकर इटौंजा तक 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले और आरोपी की पहचान की। वारदात के अगले दिन 3 दिसंबर को जितेंद्र सिटी मजिस्ट्रेट के घर काम पर भी आया था।

घटना के बाद मोहल्ले में घूमता रहा पुजारी

इंस्पेक्टर जानकीपुरम विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि घटना के अगले दिन 3 दिसंबर को पुजारी जितेंद्र फरार नहीं हुआ था, बल्कि वह मोहल्ले में घूम‑घूमकर सभी से बातचीत कर रहा था। सीसीटीवी फुटेज में कैद तस्वीर मोहल्लेवालों को दिखायी गई तो उन्होंने उसे पहचान लिया। इसके बाद पुलिस ने टोल प्लाजा के पास उसके गांव से उसे दबोच लिया।

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