Ballia News: जाति-धर्म आधारित आदेश पर मचा बवाल, सीएम योगी ने लिया सख्त संज्ञान

Ballia : बलिया जिले में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) द्वारा जारी एक आदेश ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। आदेश में यादव और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विशेष कार्रवाई की बात कही गई थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। साथ ही, पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक को निलंबित कर सख्त संदेश भी दिया।

विवादित आदेश से मचा हड़कंप

डीपीआरओ अवनीश कुमार द्वारा सभी खंड विकास अधिकारियों (BDO) को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया था कि ग्राम समाज की जमीन, खलिहान, खेल मैदान और पंचायत भवन पर यादव और मुस्लिम समुदाय द्वारा किए गए अवैध कब्जों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। यह आदेश जैसे ही सार्वजनिक हुआ, सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल हो गईं और इसे जाति व धर्म के आधार पर भेदभावपूर्ण करार दिया जाने लगा।

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मुख्यमंत्री ने दिखाई सख्ती

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लिया और न केवल उक्त आदेश को निरस्त करवाया, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी। पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

“संविधान विरोधी आदेश बर्दाश्त नहीं” – सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की सरकारी कार्रवाई जाति या धर्म के आधार पर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भले ही अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाना जरूरी है, लेकिन उसमें निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों का पालन अनिवार्य है। पूर्वाग्रह से प्रेरित आदेश न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि सरकार की "सबका साथ, सबका विकास" नीति के भी खिलाफ हैं।

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया

आदेश में यह भी उल्लेख किया गया था कि प्रदेश की 57,691 ग्राम पंचायतों में यादव और मुस्लिम समुदाय द्वारा ग्राम सभा की संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए गए हैं। यह दावा जैसे ही सामने आया, लोगों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। विपक्ष ने भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की।

यह मामला शासन-प्रशासन को यह सिखाता है कि किसी भी सरकारी कार्रवाई में निष्पक्षता और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना नितांत आवश्यक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की त्वरित कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी भेदभावपूर्ण रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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