Deoria News: देवरिया में दिल दहला देने वाली वारदात, तंत्र-मंत्र के चक्कर में 9 वर्षीय बालक की बलि, चार आरोपी गिरफ्तार

देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में अंधविश्वास के अंधे कुएं में डूबी मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के भलुअनी थाना क्षेत्र में तंत्र-मंत्र के चक्कर में नौ वर्षीय मासूम बालक की कथित तौर पर नरबलि दे दी गई। पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

घटना का खुलासा ऐसे हुआ

पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के अनुसार, 17 अप्रैल 2025 को ग्राम पटखौली निवासी सोमनाथ गौड़ ने थाने में सूचना दी थी कि उसका नौ वर्षीय भतीजा आरुष गौड़ 16 अप्रैल की शाम से लापता है। सूचना मिलते ही पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और बच्चे की तलाश के लिए कई टीमें गठित की गईं।

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मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले जयप्रकाश गौड़ को हिरासत में लिया, जिसने पूछताछ में बच्चे की बलि देने की चौंकाने वाली बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने इंद्रजीत गौड़ उर्फ अतुल, भीम गौड़ और रमाशंकर उर्फ शंकर गौड़ को भी गिरफ्तार कर लिया।

तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास की भयावह कहानी

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी इंद्रजीत गौड़ की शादी दिसंबर 2024 में शम्भा नामक युवती से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद जब वह ससुराल गया, तो उसे कथित रूप से "देवी सवार" होने की बात कही गई, जिससे वह बीमार रहने लगा। इस पर परिवार वाले उसे झाड़-फूंक के लिए उसके मामा जयप्रकाश गौड़ के पास ले गए, जहां नरबलि देने का सुझाव मिला।

इसके बाद इंद्रजीत ने अपने साढ़ू रमाशंकर उर्फ शंकर गौड़ से संपर्क किया और 50 हजार रुपये में एक मासूम बच्चे की बलि के लिए व्यवस्था करने को कहा। रमाशंकर ने अपने ही बहनोई योगेश कुमार के बेटे आरुष को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और 19 अप्रैल को उसे भीम गौड़ को सौंप दिया।

निर्दयता की हदें पार

पुलिस के अनुसार, 19 अप्रैल की रात पिपरा चन्द्रभान गांव के एक बगीचे में आरोपियों ने पूजा-पाठ के बाद मासूम आरुष का चाकू से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी और शव को वहीं जमीन में गाड़ दिया। बाद में शव को निकालकर बोरे में भरकर पिकअप वाहन से गौराघाट (बरहज) ले जाया गया और नदी में फेंक दिया गया।

पुलिस का दावा, पांच महीने बाद हुआ खुलासा

करीब पांच माह की गहन छानबीन और तकनीकी सर्विलांस के बाद पुलिस ने इस खौफनाक मामले का पर्दाफाश किया है। चारों आरोपी—जयप्रकाश गौड़, इंद्रजीत गौड़, भीम गौड़ और रमाशंकर गौड़—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने पूरी घटना की पुष्टि करते हुए इसे अंधविश्वास के नाम पर की गई पूर्व नियोजित हत्या बताया है।

इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है, वहीं पुलिस ने कहा है कि ऐसे मामलों में और भी कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई और मासूम इस तरह की अमानवीय सोच का शिकार न हो।

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