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बलिया में बाढ़ का कहर जारी, गंगा का जलस्तर हाई फ्लड लेवल के करीब

Ballia News: जिले में गंगा नदी के उफान के साथ ही बाढ़ की भयावहता लगातार बढ़ती जा रही है। गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और यह हाई फ्लड लेवल के करीब पहुंच चुका है। इसका प्रभाव केवल गंगा तक सीमित नहीं है, बल्कि टोंस और मगई नदियां भी उफान पर हैं। नदी के कटाव और पानी के फैलाव से शहर और ग्रामीण इलाकों के कई मकान जलमग्न हो चुके हैं।
एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित
जिले में बाढ़ से एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है और पलायन का सिलसिला तेज हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गायघाट गेज पर मंगलवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 59.81 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरा बिंदु 57.615 मीटर से 2.115 मीटर ऊपर है। वर्ष 2016 में सर्वाधिक जलस्तर 60.390 मीटर रिकॉर्ड किया गया था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिले की 26 ग्राम पंचायतों और शहर के 6 मोहल्लों में करीब 10,000 लोगों की बाढ़ से सीधी प्रभावित आबादी है। 2241 परिवार संकट में हैं। बाढ़ का असर शिक्षा पर भी पड़ा है – 59 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय, 2 इंटर कॉलेज, और 1 पीजी कॉलेज में पानी भर जाने के कारण पढ़ाई बाधित है।
चक्की नौरंगा: गंगा के कटाव से उजड़ते घर
चक्की नौरंगा गांव में गंगा नदी का कटाव विकराल रूप ले चुका है। 17 मकान नदी में समा चुके हैं। एसडीएम बैरिया आलोक कुमार ने बताया कि दस परिवारों को आपदा राहत कोष से मुआवजा दिया गया है, जबकि छह परिवारों को शीघ्र ही सहायता दी जाएगी। पक्के मकानों के लिए 1.20 लाख रुपये मुआवजा और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए जाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, संपर्क मार्ग ठप
गंगा का जलस्तर बढ़ने से गोपालपुर, सुघर छपरा, उदयी छपरा, दूबे छपरा, शिवपुर कपूर दीयर, चक्की नौरंगा, जवहीं, प्रसाद छपरा, आलमराय टोला, बुधनचक समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कई संपर्क मार्गों पर पानी भरने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है।
शहर के निचले इलाकों में भी बाढ़ की दस्तक
निहोरा नगर, कृष्णा नगर, बेदुआ, गायत्री कॉलोनी, महावीर घाट जैसे शहर के निचले इलाके भी अब बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। हालात ऐसे हैं कि कई परिवार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे तिरपाल लगाकर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।