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मोहित मलिक ने सोनी सब के ‘गणेश कार्तिकेय’ पर कहा: “इस शो ने मुझे याद दिलाया कि शांति हर भूमिका में केंद्रित रहने से आती है — चाहे वह शिव हो या पिता।”
मुंबई, नवंबर 2025: सोनी सब का शो ‘गाथा शिव परिवार की – गणेश कार्तिकेय’ भगवान शिव और उनके दिव्य परिवार का एक अलौकिक लेकिन बेहद संवेदनशील चित्रण प्रस्तुत करता है। यह शो दर्शकों को भगवान शिव (मोहित मलिक), देवी पार्वती (श्रेनु पारिख) और उनके पुत्र भगवान गणेश (एकांश कठरोतिया) व भगवान कार्तिकेय (सुभान खान) की कम जानी गई कहानियों की झलक दिखाता है — जिसमें पौराणिकता, दर्शन और भावनाओं का सुंदर संगम है। शो की भव्यता के बीच इसकी असली खूबसूरती शिव परिवार के भावनात्मक बंधनों, पारिवारिक मूल्यों और जीवन-संतुलन जैसे क्षणों में है जो आम जीवन से मेल खाते हैं।
1. शो में भगवान शिव को केवल देवता के रूप में नहीं, बल्कि एक पति और पिता के रूप में भी दिखाया गया है। आपने दिव्य व्यक्तित्व और एक आम पारिवारिक व्यक्ति के बीच संतुलन कैसे बनाया?
यह संतुलन निभाना मेरे लिए सबसे रोचक हिस्सा था। मैं दिखाना चाहता था कि भगवान शिव की शांति और दिव्यता “अलगाव” से नहीं, बल्कि “जागरूकता” से आती है। एक पति और पिता के रूप में वे अपने परिवार के साथ पूरी तरह उपस्थित रहते हैं, धैर्यवान हैं, लेकिन हमेशा एक बड़े उद्देश्य से जुड़े रहते हैं। इसलिए उनका आभामंडल दिव्य है, पर भावनाएँ बेहद मानवीय हैं। यही मिश्रण उन्हें सब से जुड़ने योग्य बनाता है।
2. यह आपकी ओर से निभाया गया पहला पौराणिक किरदार है — अब तक निभाए गए आधुनिक किरदारों से यह अनुभव कितना अलग रहा?
यह पूरी तरह अलग अनुभव है। आधुनिक किरदार बाहरी परिस्थितियों से प्रेरित होते हैं, जबकि पौराणिक किरदार भीतर की यात्रा मांगते हैं। संवाद शैली, देहभाषा, यहाँ तक कि मौन का भी अर्थ होता है। मुझे बहुत कुछ “अनलर्न” करना पड़ा और हर दृश्य को आध्यात्मिक अनुशासन और स्थिरता के साथ निभाना पड़ा। यह अनुभव बहुत विनम्र करने वाला रहा।
3. इतने शांत लेकिन शक्तिशाली देवता को पर्दे पर जीवंत करने के लिए कैसी तैयारी करनी पड़ी?
बहुत सारी आंतरिक तैयारी की ज़रूरत थी। मैंने भगवान शिव पर आधारित कई ग्रंथ, कथाएँ और आधुनिक व्याख्याएँ पढ़ीं और देखीं। लेकिन बाद में महसूस हुआ कि “शांति” को अभिनय से नहीं जताया जा सकता — उसे महसूस करना पड़ता है। मैंने हर शूट से पहले ध्यान लगाना शुरू किया ताकि खुद को केंद्रित रख सकूं। भगवान शिव की शक्ति उनके संयम में है, इसलिए मैंने भव्यता से अधिक “स्थिरता” पर ध्यान दिया।
4. शूटिंग के दौरान शिव की भूमिका या शइव परिवार की किसी कहानी की वजह से क्या कोई ऐसा पल आया जिसने आपको अपने निजी जीवन (पति, पिता या अभिनेता के रूप में) पर सोचने को प्रेरित किया?
हाँ, बिल्कुल। शिव परिवार कर्तव्य और प्रेम, विरक्ति और स्नेह के संतुलन का प्रतीक है। भगवान शिव का किरदार निभाते हुए मुझे एहसास हुआ कि जीवन में हम अपनी भूमिकाओं के बीच खिंच जाते हैं। इस किरदार ने मुझे याद दिलाया कि शांति किसी काम को कम करने से नहीं, बल्कि हर काम में केंद्रित रहने से आती है।
5. शो में भगवान शिव का संबंध पार्वती, गणेश और कार्तिकेय से बहुत सुंदर रूप में दिखाया गया है। इन दिव्य किरदारों को निभाने वाले अपने सह-कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत ही शानदार। ऑन-स्क्रीन हमारी जो केमिस्ट्री दिखती है, वह ऑफ-स्क्रीन हमारी सहजता और अपनेपन से आती है। हमारी पार्वतीजी अपने अभिनय में बहुत गरिमा लाती हैं, और गणेश व कार्तिकेय की भूमिका निभाने वाले कलाकारों में उतनी ही ऊर्जा और मासूमियत है जितनी असली शिव परिवार में होगी। हम अक्सर शूट के बीच परिवार की तरह मज़ाक करते और साथ रिहर्सल करते हैं।
6. क्या सेट से कोई यादगार पल है जिसे आप साझा करना चाहेंगे?
एक ध्यान वाले दृश्य की शूटिंग के दौरान पूरा सेट एकदम शांत हो गया — कोई हलचल नहीं, कोई आवाज़ नहीं, यहाँ तक कि क्रू भी रुक गया। उस पल में लगा जैसे दृश्य की ऊर्जा पूरे वातावरण में फैल गई हो। ऐसे क्षण याद दिलाते हैं कि कभी-कभी अभिनय सिर्फ कहानी कहना नहीं, बल्कि कुछ “अनुभव” कराना भी होता है।
7. दर्शक आगामी ट्रैक में क्या देख सकते हैं?
आने वाला ट्रैक शिव परिवार के भावनात्मक केंद्र को और गहराई से दिखाएगा। इसमें गणेश और कार्तिकेय के भाईचारे, उनके कर्तव्यबोध और माता-पिता के रूप में शिव-पार्वती के मार्गदर्शन के सुंदर प्रसंग होंगे — जो दिव्य होने के बावजूद मानवीय जीवन के संघर्षों को दर्शाएंगे। यह ट्रैक भावनात्मक, दृश्य रूप से मनमोहक और आध्यात्मिक संदेशों से भरपूर होगा।
‘गणेश कार्तिकेय’ देखिए हर सोमवार से शनिवार, रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर
