मोदी-पुतिन की बढ़ती नजदीकियों पर अमेरिका-यूरोप की चिंता तेज

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बृहस्पतिवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उनके लिए हाई डिनर की मेजबानी की है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की लगातार गहरी होती इस दोस्ती पर अमेरिका और यूरोप की बुरी नजर है। बता दें कि पुतिन का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते सबसे निम्न स्तर पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में पुतिन के इस दौरे को भारत और रूस के बीच सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का बड़ा कदम माना जा रहा है। 

पश्चिमी देशों की पुतिन के दौरे पर पैनी नजर

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार पुतिन 4-5 दिसंबर को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पुतिन की इस यात्रा पर पश्चिमी देशों की नजरें टिकी हैं। यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका रूस और भारत पर कई प्रतिबंध लगा चुका है। इसके बावजूद पुतिन की भारत यात्रा और भारत का रूस से लगातार तेल खरीदना जारी रखना दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का बड़ा उदाहरण है। 

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कितने बजे दिल्ली पहुंचेंगे पुतिन

राष्ट्रपति पुतिन का विमान बृहस्पतिवार शाम करीब 4:30 बजे नई दिल्ली में उतरेगा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में लोक कल्याण मार्ग स्थित निवास पर निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। इससे पहले पुतिन ने भी जुलाई 2024 में पीएम मोदी को उनके मॉस्को दौरे के दौरान इसी तरह का हाई डिनर देकर आतिथ्य-सत्कार किया था। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा, उसके बाद पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। 

रूस टुडे के भारत चैनल का उद्घाटन करेंगे पुतिन और मोदी

पुतिन और मोदी के बीच शुक्रवार को दोपहर 11 बजे हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी। इस दौरान रक्षा सहयोग, द्विपक्षीय व्यापार को बाह्य दबावों से सुरक्षित रखना और छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टरों में सहयोग प्रमुख एजेंडा रहेगा। शिखर वार्ता के बाद दोनों नेता भारत मंडपम में व्यापारिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन रूस टुडे के भारत चैनल का उद्घाटन करेंगे, जिसके लिए रूसी सरकार ने 100 सदस्यीय ब्यूरो स्थापित किया है। शाम 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राजकीय भोज आयोजित करेंगी। लगभग 28-30 घंटे की यात्रा के बाद पुतिन शुक्रवार रात 9:30 बजे मॉस्को लौट जाएंगे।

पुतिन और मोदी के बीच बैठक का प्रमुख एजेंडा

पुतिन और मोदी के बीच बैठक का मुख्य एजेंडा रक्षा, ऊर्जा और व्यापार घाटा आदि रहेगा। शिखर सम्मेलन में भारत रूसी कच्चे तेल की बड़ी खरीद से बढ़ते व्यापार घाटे (भारत का निर्यात 65 अरब डॉलर, आयात 5 अरब डॉलर) पर चिंता जताएगा। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों से तेल आपूर्ति में अस्थायी गिरावट आ सकती है, लेकिन रूस इसे बढ़ाने के कदम उठा रहा है। चर्चा में अमेरिकी प्रतिबंधों का असर, फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं में भारतीय निर्यात बढ़ाना तथा उर्वरक क्षेत्र में सहयोग (रूस सालाना 30-40 लाख टन आपूर्ति करता है) शामिल है।

यूक्रेन संघर्ष समाप्ति पर भी चर्चा

पुतिन मोदी को यूक्रेन संघर्ष समाप्ति के अमेरिकी प्रयासों से अवगत कराएंगे। भारत की राय स्पष्ट है कि शांति केवल संवाद और कूटनीति से संभव है। कई समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है, जिनमें भारतीय श्रमिकों का रूस में आवागमन सुगम बनाने और रक्षा सहयोग का विस्तार शामिल है। यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रूप देने पर भी बात होगी, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। वहीं इससे पहले बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी। एस-400, सु-57 पर फोकसदौरे से पहले बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आंद्रे बेलौसोव के बीच वार्ता होगी। एजेंडा में एस-400 मिसाइल की अतिरिक्त खरीद (ऑपरेशन सिंदूर में सिद्ध कारगर), सुखोई-30 उन्नयन, एसयू-57 लड़ाकू विमान आपूर्ति और शीघ्र सैन्य सामग्री डिलीवरी रहेगी।

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