कानपुर: संपत्ति विवाद में युवक की हत्या, 12 बीघा जमीन बनी विवाद की जड़

कानपुर : गुजैनी में नेवासा पर मिली 12 बीघा जमीन के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई। युवक फैक्ट्री के लिए निकला था, तभी रास्ते से उसे अगवा कर लिया गया। उसका हाथ बांधकर पीटा और रस्सी से गला घोंटा। सिर पर पीछे से प्रहार किया गया है। बर्रा आठ पांडुनदी के पास खाली प्लॉट में शव फेंक दिया। शव छिपाने के इरादे से चेहरे पर बोरी कसकर ऊपर से पत्थर रख दिया। सुबह प्लॉट में बच्चे खेलने पहुंचे तो शव देखकर भागे। हत्या की सूचना पर हड़कंप मच गया और मौके पर भीड़ जमा हो गई। खबर पाकर डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी, एडीसीपी साउथ योगेश कुमार, गुजैनी और बर्रा थाने का फोर्स व फॉरेंसिक पहुंची। युवक शिनाख्त होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने आरोपी सगे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है।
 
मूलरूप से बिधनू के रमईपुर जहानपुर निवासी किसान गंगा प्रसाद तिवारी का साढ़ में ननिहाल है। उनके मामा छेदालाल की कोई संतान न होने से उन्होंने अपनी 12 बीघा जमीन गंगा प्रसाद को बैनामा की थी। इसके बाद गंगा प्रसाद पत्नी रमासुती व छोटे बेटे 32 वर्षीय विपिन के साथ नेवासा पर रहने लगे, जबकि बड़ा बेटा अमित पैतृक मकान पर ही परिवार के साथ रहता है। दोनों भाई टीपीनगर स्थित कैसर फैक्ट्री में काम करते थे। नाइट शिफ्ट होने के कारण विपिन मंगलवार शाम छह बजे साढ़ से बस से ड्यूटी के लिए निकला था। अमित ने बताया कि उनकी करीब साढ़े सात बजे भाई से बात हुई थी। उन्होंने कहा हमें थोड़ी देर हो जाएगी, तुम फैक्ट्री पहुंचों। उसने बताया कि रात नौ बजे से ड्यूटी का समय है, लेकिन भाई उसके बाद भी नहीं आया। उसने फोन मिलाया तो मोबाइल बंद बताने लगा। इस पर परिजनों को सूचना दी और उसकी तलाश में जुट गए। वह लोग पूरी रात उसे खोजते रहे, लेकिन कोई खबर नहीं मिली। सुबह करीब नौ बजे उन्हें विपिन की हत्या की खबर मिली। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो देखकर उनके सुपरवाइजर अरविंद बाजपेई उनसे पहले ही मौके पर पहुंच गए थे और शव की पहचान की। गंगा प्रसाद ने नेवासा की जमीन का विवाद बताया तो पुलिस ने आरोपी भाइयों सुरेश शुक्ला और संतोष शुक्ला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। वहीं तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की। 

आरोपी भाइयों का विपिन का रूट पता था 
गंगा प्रसाद ने बताया कि विपिन करीब आठ साल से पान-मसाला फैक्ट्री में नौकरी कर रहा था। वह बस से ही आता-जाता था। वहीं अमित गांव से अप-डाउन करता था। दोनों अलग-अलग आते-जाते थे, यह आरोपियों को भी पता था। उन्होंने बताया कि मूलरूप से साढ़ निवासी आरोपी सुरेश मौजूदा समय में यशोदानगर के गंगापुर कालोनी व संतोष जरौली के फेश टू में रह रहा है। इसलिए दोनों को बेटे को अगवाकर हत्या करना आसान था और रूट भी जानते थे। उन्होंने बताया शव से कुछ दूरी पर बेटे के जूते झाड़ियों में मिले हैं। 

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2.40 करोड़ मुआवजे के कारण मार डाला 
गंगा प्रसाद ने बताया कि मामा ने 2006 में जमीन उनके नाम बैनामा की थी। जबकि सुरेश व संतोष ने फर्जी गोदनामा दिखाकर 2014 में मुकदमा दर्ज कराया था। करीब चार साल पहले डिफेंस कॉरीडोर ने जमीन का अधीग्रहण कर लिया और मुआवजे की रकम 2.40 करोड़ बनी। इसके बाद उन्हें 60 लाख रुपये की पहली किस्त मुआवजे की मिली तो और रंजिश मानने लगे थे। इसी के चलते यह कदम उठाया है। 

पत्नी ने लगाया गुमशुदा का स्टेटस 
विपिन के परिजन रातभर उसके मोबाइल पर संपर्क का प्रयास करते रहे। रात में ही परिजनों को अनहोनी की आशंका हो गई थी। इसके बाद विपिन की पत्नी शैलू ने अपने मोबाइल पर पति की गुमशुदगी का स्टेटस लगाया। स्टेटस में उसने लोगों से भी तलाश की गुजारिश की। 

परिजनों में मची चीख-पुकार
विपिन का शव देखकर पत्नी व मां बेसुध होकर गिर पड़ी। परिजनों की चीख-पुकार देखकर विपिन के जुड़वा बच्चे छह वर्षीय रामजी व श्यामजी मां से लिपट गए। पिता को उठाने की कोशिश की तो नाते-रिश्तेदार भी अपने आंसू नहीं रोक सके।

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