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बचपन की यादों से लेकर दिल को छू लेने वाली परंपराओं तक – सोनी सब के कलाकार बता रहे हैं कि इस साल वे भाई दूज कैसे मना रहे हैं

मुंबई, अक्टूबर 2025: इस भाई दूज पर सोनी सब के कलाकार – समृद्ध बावा, सुम्बुल तौकीर खान, ऋषि सक्सेना और श्रेनु पारिख भाई-बहन के उस अनमोल बंधन का उत्सव मना रहे हैं जो प्यार, देखभाल और अपनेपन से भरा होता है। यह त्योहार न सिर्फ इस रिश्ते को और मजबूत बनाता है, बल्कि बचपन की प्यारी यादों, शरारतों, एक-दूसरे के लिए किए गए सुरक्षात्मक पलों और स्नेह से भरे अनगिनत पलों को भी फिर से जीवंत करता है। जब वातावरण हंसी और पुरानी यादों से भर जाता है, तब ये प्रिय कलाकार बता रहे हैं कि उनके लिए यह त्योहार क्या मायने रखता है और इस साल वे इसे कैसे खास बना रहे हैं।

‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में अश्विन का किरदार निभा रहे समृद्ध बावा कहते हैं , “भाई दूज हमेशा से हमारे लिए बहुत खास रहा है। मेरी बहन सांची मुझसे चार साल बड़ी है और दिल्ली में रहती है, इसलिए काम के कारण हम अक्सर नहीं मिल पाते। आमतौर पर वह त्योहारों में घर आती है या फिर मैं दिल्ली चला जाता हूँ। इस बार शायद शूटिंग के चलते मैं नहीं जा पाऊँगा, इसलिए मैंने उसके लिए एक सरप्राइज गिफ्ट प्लान किया है। उसे संगीत बहुत पसंद है, तो मैं सोच रहा हूँ कि उसे एक स्मार्टवॉच, ब्लूटूथ ईयरबड्स या पोर्टेबल स्पीकर दूँ – ताकि वह अपने पसंदीदा गाने कभी भी, कहीं भी सुन सके।”
‘इत्ती सी खुशी’ में अन्विता का किरदार निभा रहीं सुम्बुल तौकीर खान कहती हैं , “मेरे लिए भाई दूज हमेशा प्यार और सुरक्षा के रिश्ते का उत्सव रहा है — और मेरे मामले में यह मेरी बहन के साथ है! भले ही परंपरागत रूप से यह त्योहार भाइयों और बहनों के लिए होता है, लेकिन हम दोनों बहनों ने इसका अपना अलग संस्करण बना लिया है। बचपन से ही हम इसे मनाते आए हैं — मेरी बहन मज़ाक में मुझसे कहती थी, ‘मैं भी भाई से कम नहीं!’ और गिफ्ट मांगती थी। आज भी हम यह मजेदार परंपरा निभाते हैं — मिठाइयाँ बांटते हैं, एक-दूसरे की खिंचाई करते हैं और बचपन की शरारतों पर खूब हँसते हैं। हमारे लिए भाई दूज रस्मों से ज़्यादा उस दोस्ती और बिना शर्त के सपोर्ट का जश्न है जो हम बहनों के बीच है।”
‘इत्ती सी खुशी’ में संजय का किरदार निभा रहे ऋषि सक्सेना कहते हैं, “हमारा लगभग पूरा बड़ा परिवार जयपुर में रहता है, और मुझे याद है कि सब लोग नवरात्रि के बाद भाई दूज का बेसब्री से इंतज़ार करते थे ताकि मिलजुलकर मज़ा कर सकें और जश्न मना सकें। सच कहूँ तो हमारे लिए भाई दूज हमेशा सबसे मस्ती भरा त्योहार रहा है। पूरे परिवार के लोग मौजूद होते थे, और पूरा दिन हंसी-मज़ाक, खेल और ताश के पत्तों में बीतता था। जब हम बच्चे थे, तो सारे कज़िन पार्क में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे या फिर छत पर वन-टिप-वन-हैंड-आउट मैच लगाते थे, जहाँ भी जगह मिलती।”
‘गाथा शिव परिवार की – गणेश कार्तिकेय’ में पार्वती की भूमिका निभा रहीं श्रेनु पारिख कहती हैं, “भाई दूज हमेशा से मेरे लिए एक बहुत खास दिन रहा है, क्योंकि यह पूरा दिन सिर्फ मेरे भाई शुभम और हमारे रिश्ते के नाम होता है। वह मुझसे छोटा है, लेकिन कई बार वही मुझसे ज़्यादा परिपक्व व्यवहार करता है! (हँसती हैं) बचपन में हमारी भाई दूज का सेलिब्रेशन मस्ती, चिढ़ाने और खाने-पीने से भरा होता थी। मैं उसे प्यार से हुक्म देती थी, और वह बाद में मुझसे बदला ले लेता था। आज भी चाहे हम कितने भी व्यस्त हों, हम साथ में ज़रूर जश्न मनाते हैं — चाहे आमने-सामने या फिर ऑनलाइन। मेरे लिए भाई दूज सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि बचपन की यादों को फिर से जीने और एक-दूसरे को याद दिलाने का मौका है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम हमेशा एक-दूसरे के साथ हैं।”
देखिए ‘इत्ती सी खुशी’, ‘गाथा शिव परिवार की – गणेश कार्तिकेय’ और ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’, सोमवार से शनिवार, सिर्फ सोनी सब पर