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गजब: बेसिक शिक्षा विभाग में उल्टी गंगा, धनौली में निलंबन, बहाली में मिला बरौली का आदेश
अयोध्या। बेसिक शिक्षा विभाग में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जुलाई में लघु आरोपों के चलते निलंबित किए गए एक प्रधानाध्यापक को अक्टूबर में तो बहाल कर दिया गया, लेकिन तैनाती ऐसी जगह दी गई जहां पहले से ही एक प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। नतीजतन, बहाल प्रधानाध्यापक पिछले 14 दिनों से विभागीय दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आदेश जारी होने के बावजूद आज तक उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया। वीरेंद्र कुमार का कहना है कि उन्होंने आदेश प्राप्त होते ही खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यभार ग्रहण करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, परंतु विभागीय उदासीनता के कारण उन्हें अब तक विद्यालय में जॉइन नहीं कराया गया।
स्थिति और पेचीदा तब हो गई जब पता चला कि बरौली विद्यालय में पहले से ही एक प्रधानाध्यापक तैनात हैं। इससे विभाग में द्वैध कार्यभार की स्थिति बन गई है। जब इस बारे में अधिकारियों से पूछा गया तो जवाब मिला कि “सभी तैनातियां मानव संसाधन पोर्टल के माध्यम से होती हैं।” अब सवाल उठता है कि अगर पोर्टल का डाटा अपडेट रहता, तो ऐसी गलती कैसे हो सकती थी?
वीरेंद्र कुमार का कहना है, “मुझे बहाल कर दिया गया, लेकिन जब कार्यभार ही ग्रहण नहीं कराया जा रहा, तो यह कैसी न्यायिक बहाली है?” उनका आरोप है कि यह सब “वसूली के खेल” का हिस्सा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने कहा, “यदि अधिकारी निलंबन या दंड की कार्रवाई में त्वरित निर्णय ले सकते हैं, तो बहाली के बाद उसी गति से कार्यभार क्यों नहीं दिलाया जा सकता? यह प्रशासनिक और मानवीय न्याय के विरुद्ध है। यदि शीघ्र बहाली नहीं की गई तो बीएसए कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।”
वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी रमाकांत राम ने बताया, “पोर्टल में तकनीकी खराबी आने की वजह से तैनाती नहीं हो पाई है। तकनीकी समस्या का कारण पता लगाया जा रहा है, जल्द ही वीरेंद्र कुमार को नई तैनाती दे दी जाएगी।”
