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हार्परकॉलिन्स इंडिया प्रकाशित कर रहे हैं गौर गोपाल दास की नई किताब यू कैन हैव इट ऑल
उत्तर प्रदेश,14 नवंबर 2025 : हार्परकॉलिन्स इंडिया गौर गोपाल दास की आगामी किताब, यू कैन हैव इट ऑल को प्रकाशित कर रहे हैं| यह *किताब दिसम्बर 2025 में अंग्रेजी में और फिर उसके बाद अन्य भारतीय भाषाओँ में प्रकाशित की जाएगी|
गौर गोपाल दास कहते हैं, “जब मैंने यू कैन हैव इट ऑल लिखना शुरू की, तब मैं सिर्फ एक कहानी लिखने की कोशिश नहीं कर रहा था—मैं उस सवाल का जवाब तलाश रहा था, जो हम सभी के अंदर दबे पाँव बैठा रहता है: क्या हम सच में सब पा सकते हैं? खुशियाँ, सफलता, प्रेम, सेहत, शांति—क्या खुद को खोए बगैर, इन्हें संतुलित करने का कोई तरीका है? इस किताब में मैंने जीवन के प्रति अपने विचारों को एक कहानी के माध्यम से पिरोया है| यह एक ऐसी दुनिया में संतुलन तलाशने की कोशिश है, जो हमें लगातार अलग-अलग दिशाओं में खींच रही है| हास्य, ईमानदारी और अपनेपन के साथ लिखी गई यह किताब हर उस पाठक के लिए एक आईना है, जो कभी यह सोचने के लिए रुका है कि क्या वह सही चीज़ों का पीछा कर रहा है।
मुझे आशा है कि यू कैन हैव इट ऑल आपको कुछ देर ठहरकर, अपने अंदर झाँकने और उन धुनों को सुनने का अवसर देगी, जो निरंतर हमारे अंदर चल रही हैं|”
हार्परकॉलिन्स इंडिया की एग्जीक्यूटिव पब्लिशर, पौलोमी चटर्जी कहती हैं , “आज के समय में बहुत कम ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके पास हम भारतीय आध्यात्मिक और व्यावहारिक सलाह की तलाश में बार-बार आते हैं। उनमें से, गौर गोपाल दास अपनी विशिष्ट शैली, गर्मजोशी भरी सहानुभूति और सौम्य हास्य के माध्यम से दिए गए गहन लेकिन सरल मार्गदर्शन के लिए लोकप्रिय हैं। हार्परकॉलिन्स इंडिया में हम बेहद खुश हैं कि हम उनकी नई किताब प्रकाशित कर रहे हैं--एक ऐसी किताब जो यकीनन लोगों के जीवन को बदल देगी क्योंकि यह उन गहरे सवालों पर निशाना साधती है, जिनसे हम सभी जूझते हैं।”
हार्परकॉलिंस इंडिया की एग्जीक्यूटिव एडिटर, तृषा बोरा कहती हैं, “एक ऐसी दुनिया में जहाँ हम सभी का फोकस अपनी कमियों पर है, गौर गोपाल दास की नई किताब हमें बताती है कि हमारे भीतर पहले से ही क्या है। इस साल की हमारी सबसे बड़ी किताब, यू कैन हैव इट ऑल एक गहन स्पिरिचुअल और साथ ही एक प्रैक्टिकल गाइड है, जो पाठकों के लिए बहुत मददगार रहेगी| गौर गोपाल दास जी के साथ उनकी किताब पर काम करना हमारी खुशनसीबी है – वो दिल से लिखते हैं और बेहद अपनेपन से ज्ञान की बातें कह जाते हैं| आज के समय की चुनौतियों को उनसे बेहतर कोई और नहीं समझता, और उनकी किताब प्रकाशित करना हमारे लिए गर्व का अवसर है|” किताब के बारे में प्रकाशन दिसम्बर 2025 | प्री-ऑर्डर जल्द ही शुरू होगा
हममें से अधिकाश लोग अपना जीवन सपनों का पीछा करने में बिताते हैं—खुशियाँ, प्यार, सेहत, वित्तीय स्वतंत्रता, सुरक्षा इत्यादि|
लेकिन क्या हम सच में ये सब पा सकते हैं?
नवंबर की एक सर्द सुबह, गौर गोपाल दास अपने मित्र, राकेश अरोड़ा के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए जैसलमेर पहुँचते हैं| शादी की तीन दिनों के फंक्शन के दौरान वे अरोड़ा परिवार और होने वाली दुल्हन के परिवार के बहुत से लोगों से मिलते हैं| शादी के दिन से पहले एक बिन बुलाया मेहमान वहां आ धमकता है, और उसके आने से दोनों परिवारों का
संबंध बनने से पहले ही टूटने की कगार पर आ जाता है|
अपने मेजबानों और उनके मेहमानों के साथ बातचीत के दौरान गौर गोपाल दास उनके दिलों में छिपे भय और इच्छाओं को उजागर करते हैं और उन्हें शांत करने वाली सलाह देते हैं, साथ ही वह जीवन के उतार-चढ़ावों के माध्यम से अपनी यात्रा का भी खुलासा करते हैं।
गौर गोपाल दास की बहुप्रतीक्षित किताब, यू कैन हैव इट ऑल महत्वाकांक्षा और सपनों के बीच फँसे हम जैसे लोगों के लिए एक राह प्रस्तुत करती है। उनकी विशिष्ट शैली, गहन सहानुभूति और सौम्य ज्ञान से युक्त, यह किताब हमें यह समझने के लिए प्रेरित करती है कि हमारा नजरिया कैसे हमारी वास्तविकता को आकार देता है, अपनी कमियों को पहचानना और उन पर विजय पाना सीखें, और आत्म-करुणा विकसित करें, जिसके जरिये हम इस जीवन को और बेहतर बना सकते हैं|
